सुप्रीम कोर्ट के 'बुलडोज़र जस्टिस' पर नेताओं ने क्या कहा?
कोर्ट द्वारा बुलडोज़र जस्टिस पर गाइडलाइन के बाद तमाम राजनेताओं ने टिप्पणी की है।

अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी । फोटोः पीटीआई
'बुलडोज़र जस्टिस' को लेकर सु्प्रीम कोर्ट द्वारा गाइडलाइन्स जारी करने के बाद एक बहस सी छिड़ गई है कि क्या सरकार द्वारा या कहें कि उनके अधिकारियों के द्वारा किसी का भी घर ढहाया जाना चाहिए।
गाइडलाइन्स जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक्ज़ीक्यूटिव किसी व्यक्ति को अपराधी घोषित नहीं कर सकते हैं और न ही खुद जज बनकर किसी व्यक्ति की प्रॉपर्टी को ढहा सकते हैं।
कोर्ट ने आगे यह भी कहा कि बिना 15 दिन पूर्व नोटिस के किसी भी प्रकार से ढहाने की प्रक्रिया को नहीं अपनानी चाहिए। इसके मुताबिक प्रॉपर्टी के मालिक को रजिस्टर्ड पोस्ट से इसकी सूचना दी जानी चाहिए बिल्डिंग के ऊपर भी इसका चस्पा किया जाना जरूरी है।
अब सुप्रीम कोर्ट के इस गाइडलाइन के बाद राजनीतिक महकमें में तरह-तरह के बयान आने शुरू हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोज़र के खिलाफ बोला है जो कि इस सरकार की पहचान बन गया है।
अखिलेश बोले- बुलडोज़र गराज में खड़ा रहेगा
सीसामऊ में एक रैली को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, 'सरकार के खिलाफ इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद। जो लोग घर तोड़ना जानते हैं उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं? कम से कम आज उनका बुलडोजर गराज में खड़ा रहेगा, अब किसी का घर नहीं टूटेगा।,'
#WATCH | Kanpur, Uttar Pradesh: While addressign a public rally in Sismau, Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav says, "... The Supreme Court has commented against the bulldozer which become the symbol of this (BJP) government. I thank the Supreme Court for this decision against… pic.twitter.com/N64z0ASaT8
— ANI (@ANI) November 13, 2024
ओवैसी- मुसलमानों को अब सज़ा नहीं मिलेगी
वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसका स्वागत करते हुए एक्स पर लिखा, 'इसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा यह नहीं है कि इसे किस ढंग से कहा गया है, बल्कि लागू किए जाने योग्य इसके दिशा-निर्देश हैं। उम्मीद है कि ये राज्य सरकारों को मुसलमानों और अन्य हाशिए पर पड़े समूहों को सामूहिक रूप से सज़ा देने से रोकेंगे।'
The #Bulldozer judgement of the Supreme Court is a welcome relief. The most important part of it is not in its eloquence, but the enforceable guidelines. Hopefully they will prevent state governments from collectively punishing Muslims & other marginalised groups.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 13, 2024
We should…
अरशद मदनी- हिंदू मुस्लिम दोनों के घर टूट रहे थे
वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर जमायत उलेमा-ए-हिंद के प्रेसिडेंट मौलाना अरशद मदनी ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं...जब मध्य प्रदेश में बुलडोजर का इस्तेमाल शुरू हुआ, तो जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अदालत का दरवाजा खटखटाया...हम बहुत खुश हैं क्योंकि फैसला गरीबों के पक्ष में आया है...हिंदू और मुस्लिम दोनों के घर तोड़े जा रहे थे।'
#WATCH | Saharanpur, UP: On Supreme Court's verdict over Bulldozer action, President of Jamiat Ulama-i-Hind, Maulana Arshad Madani says, "We welcome the decision of the Supreme Court...When the use of bulldozers began in Madhya Pradesh, Jamiat Ulema-e-Hind approached the… pic.twitter.com/PoyDTt9W0S
— ANI (@ANI) November 13, 2024
नाना पटोले- ED और CBI का हो रहा दुरुपयोग
वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपनी राजनीति को सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही सीमित रखनी चाहिए, 'बीजेपी सरकार ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग शुरू करके राजनीति कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है और मैं इसकी सराहना करता हूं।'
सौरभ भारद्वाज- बुलडोज़र ऐक्शन के नाम पर हो रही दादागिरी
वहीं आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि देश संविधान से चलेगा किसी के भी खिलाफ कानून के हिसाब से कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, 'यह दादागिरी बुलडोज़र ऐक्शन के नाम पर की जा रही है। जहां पर भी इस तरह के ऐक्शन किए जा रहे हैं कोर्ट को उनका संज्ञान लेना चाहिए।'
वृंदा करात- पहले आना चाहिए था फैसला
सीपीएम नेता वृंदा करात ने कहा कि बुलडोज़र ऐक्शन पर जजमेंट पहले ही आना चाहिए था। उन्होंने कहा, 'मैं बुलडोजर ऐक्शन को गलत इरादों वाला और अवैध मानते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती हूं। यह फैसला और पहले आ जाना चाहिए था ताकि और घरों को ढहाने से बचाया जा सकता था।'
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