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जनता उन्नयन पार्टी बना रहे हैं हुमायूं कबीर, फिर बताया ममता और RSS का कनेक्शन

TMC से निकाले जा चुके हुमायूं कबीर ने अपनी नई पार्टी का नाम 'जनता उन्नयन पार्टी' रखा है। उन्होंने एक बार फिर से ममता बनर्जी पर निशाना साधा है।

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हुमायूं कबीर, File Photo Credit: PTI

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पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित विधायक हुमायूं कबीर को तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निकाले जा चुके हैं। अब वह अपनी नई पार्टी 'जनता उन्नयन पार्टी' बना रहे हैं। इसी के साथ हुमायूं कबीर ने एक बार फिर से ममता बनर्जी को आड़े हाथ लिया है। हुमायूं कबीर ने आरोप लगाए हैं कि ममता ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की मदद कर रही हैं, इसी के चलते पश्चिम बंगाल में RSS की शाखाओं की संख्या 558 से 12 हजार पहुंच गई हैं। हुमायूं कबीर ने यह भी कहा है कि वह आज ही अपनी पार्टी के कई उम्मीदवारों के नाम का एलान भी कर देंगे। RSS प्रमुख मोहन भागवत के बंगाल दौरे पर भी हुमायूं कबीर का कहना है कि यह सब ममता बनर्जी की वजह से ही संभव हो पा रहा है।

 

मुर्शिदाबाद में अपनी पार्टी के लॉन्च से ठीक पहले मीडिया से बातचीत में हुमायूं कबीर ने पार्टी के नाम की पुष्टि की। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी यह देखना होगा कि चुनाव आयोग से इस नाम को मंजूरी मिल पाएगी कि नहीं। एक मीडिया चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, 'अभी लोगों को अंदाजा नहीं है कि हुमायूं कबीर क्या करने जा रहा है। आज हम थोड़ा ट्रायल दिखाएंगे।'

 

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हुमायूं कबीर ने बताया कि आज वह 5 से 6 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर सकते हैं। इसमें 4 सीट मुर्शिदाबाद की होंगी। बता दें कि मुर्शिदाबाद में कुल 22 विधानसभा सीटें हैं। हुमायूं कबीर मुर्शिदाबाद की भरतपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। अब उनका जोर मुर्शिदाबाद और आसपास के उन जिलों पर जोर है, जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है। वह पहले कह भी चुके हैं कि पश्चिम बंगाल की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। 

क्या बोले हुमायूं कबीर?

 

पश्चिम बंगाल में बनाई जा रही बाबरी मस्जिद पर मोहन भागवत के बयान के बाद हुमायूं कबीर ने कहा, 'मैं मोहन भागवत का सम्मान करता हूं लेकिन जो उन्होंने कहा कि यहां कोई दंगा होगा, कोई गड़बड़ होगी, ऐसा कुछ हम होने नहीं देंगे। अभी तक कुछ नहीं हुआ। मैंने तो पहले ही कहा कि हमारी जो चीफ मिनिस्टर हैं, इनका और RSS का अंदर ही अंदर कोई रिलेशन है। 6 महीने पहले मोहन भागवत 15 दिन के लिए पश्चिम बंगाल में थे, फिर वह कैसे आ गए? उनको जो परमिशन चाहिए, वह पश्चिम बंगाल सरकार से चाहिए। वह तो बैक करके हाई कोर्ट से लेकर आया। यह सब हमको भी मालूम है और जनता को भी मालूम है।'

 

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उन्होंने कहा, 'जब वाजयेपी थे तब से ही मुख्यमंत्री का RSS से क्या रिलेशन है, सबको पता है। अब सब खुल्ला हो गया। पहले पश्चिम बंगाल में RSS की शाखा सिर्फ 558 थी, अब 12 हजार है क्योंकि ममता बनर्जी की सरकार और पुलिस ने मदद की। कुछ मदरसा है, जहां उर्दू, अरबी पढ़ाते हैं, उनको क्या दिया?'

बाबरी मस्जिद को लेकर मचा है बवाल

 

दरअसल, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक बाबरी मस्जिद की नींव रखी गई है। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने और इसके लिए बढ़-चढ़कर काम करने की वजह से ही हुमायूं कबीर को TMC से निकाल दिया गया था। 6 दिसंबर 2025 को बाबरी मस्जिद की नींव रखी गई थी।

 

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इसके बाद से ही वह ममता बनर्जी पर हमलावर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ममता बनर्जी RSS की मदद कर रही हैं। BJP का कहना है कि यह सब ममता बनर्जी ही करवा रही हैं और हुमायूं कबीर का इस्तेमाल कर रही हैं। बीजेपी ने सवाल कहा था, 'अगर ममता सच में नहीं चाहतीं कि बाबरी मस्जिद बने तो उन्हें हुमायूं कबीर को गिरफ्तार करना चाहिए। उन्होंने सिर्फ दिखावे के लिए हुमायूं कबीर को पार्टी से निकाला है।'

कौन हैं हुमायूं कबीर?

 

अपने बड़बोलेपन के लिए मशहूर हुमायूं कबीर पहले बीजेपी में भी रहे हैं। 2018 में वह वह बीजेपी में शामिल हुए थे और 2019 में बीजेपी के ही टिकट पर मुर्शिदाबाद लोकसभा का चुनाव लड़े थे। हालांकि, वह तीसरे नंबर पर रहे थे। 2021 वह फिर से टीएमसी में शामिल हुए और भरतपुर से TMC के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने।


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