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नवजोत कौर हों या सुखबीर बादल, सब राजा वड़िंग के पीछे क्यों पड़ गए?

पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान में राजा वड़िंग निशाने पर हैं। वहीं उनके राजनीतिक गढ़ गिद्दड़बाहा में सुखबीर सिंह बादल ने उनकी चिंता बढ़ा दी है।

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नवजौत कौर और राजा वड़िंग, Photo Credit: Social Media

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पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ चुकी है। 2022 में पार्टी की हार की बड़ी वजह गुटबाजी को ही माना गया था और अब 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले फिर एक बार कांग्रेस के अंदर कलह शुरू हो गई है। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर दिए एक बयान देकर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पार्टी ने उन्हें तो निलंबित कर दिया है लेकिन पार्टी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। पंजाब के सबसे बड़े राजनीतिक परिवारों में से एक बादल परिवार भी राजा वड़िंग के खिलाफ मैदान में आ गया है।

 

नवजोत कौर ने बयान दिया था, 'नवजोत सिद्धू को लोग मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं लेकिन हमारे पास सीट फाइट करने के लिए 500 करोड़ रुपये नहीं है। हम अपना चुनाव लोगों से जुटाए चंदे पर लड़ते हैं और पार्टी से रुपया मांगते हैं। हमारे पास काला धन नहीं है।'

 

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अब तक क्या-क्या हुआ?

नवजौत कौर के बयान के बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। राजा वड़िंग ने सोशल मीडिया पर सस्पेंशन लेटर जारी किया। इसके बाद विवाद और ज्यादा बढ़ गया। सस्पेंड होने के बाद नवजौत कौर ने कहा कि यह नोटिस ऐसे प्रधान ने निकाला है, जिस पर कोई यकीन नहीं करता। उन्होंने कहा, 'मैं हाई कमान से बात कर रही हूं। हम चोरों का साथ नहीं देंगे। चार-पांच लोगों को निकालेंगे तब देखेंगे' 

 

 

नवजौत कौर ने पंजाब कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सुखजिंदर सिंह रंधावा पर राजस्थान में पैसे देकर टिकट बेचने का आरोप लगाया। नवजौत कौर ने कहा, 'गुटबाजी के कारण कांग्रेस नहीं जीती। सुखजिंदर सिंह रंधावा सीएम पद की रेस में थे उनके संबंध गैंगस्टरों के साथ हैं। इसके अलावा चरणजीत सिंह चन्नी, मौजूदा प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा सीएम की दौड़ में हैं'

 

राजा वड़िंग पर हमलावर क्यों?

नवजौत कौर पंजाब कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग पर खुलकर हमला कर रही हैं। उन्होंने राजा वड़िंग पर नवंबर में तरनतारन उप-चुनाव में टिकट बेचने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि करणबीर सिंह बुर्ज ने टिकट के लिए 5 करोड़ रुपये राजा वड़िंग को दिए थे। नवजौत कौर ने कहा कि राजा वड़िंग ने पंजाब में कांग्रेस को काफी नुकसान पहुंचाया है। नवजौत कौर ने कहा कि कांग्रेस अगर नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करती है तो वह सक्रिय राजनीति में लौट आएंगे। 

 

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पंजाब कांग्रेस में नवजौत कौर सिद्धू के निशाने पर सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग हैं। उन्होंने वड़िंग और पंजाब के मौजूदा मुख्मंत्री भगवंत मान के बीच रिश्तों पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राजा वड़िंग सीएम के तलवे चाट रहे हैं। उन्होंने कहा, 'वड़िंग जी आपने पंजाब कांग्रेस को टुकड़ों में बांट दिया है। अलग-अलग केसों में गिरफ्तारी से बचने के लिए आप सीएम के तलवे चाट रहे हैं और उनकी ट्यून पर नाच रहे हैं।' नवजौत कौर ने राजा वड़िंग पर नवजोत सिंह सिद्धू की छवि खराब करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। तरनतारन सीट पर हार के लिए भी उन्होंने राजा वड़िंग को ही जिम्मेदार ठहराया।

 

पंजाब कांग्रेस में राजा वड़िंग ने अपना कद बहुत तेजी से बढ़ाया है। बादल परिवार के गढ़ में जाकर उन्हें हराने से लेकर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद तक वह मात्र 13 साल में पहुंच गए। पंजाब में अब कांग्रेस की कमान उनके हाथों में है। उनसे पहले नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी के अध्यक्ष थे। गुटबाजी के चलते पार्टी ने सिद्धू को पद से हटाकर राजा वड़िंग को कमान सौंपी। यही वजह है कि नवजोत कौर राजा वड़िंग पर निशाना साध रही हैं। वह लगातार राजा वड़िंग की जगह नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी का चेहरा बनाने की बात कर रही हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राजा वड़िंग कांग्रेस प्रधान के रूप में पार्टी पर अपनी पकड़ मजबूत करते जा रहे हैं और नवजोत सिद्धू के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। 

 

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राजा वड़िंग की बढ़ीं मुश्किलें

राजा वड़िंग के लिए पार्टी के अंदर ही नवजौत कौर ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं तो पार्टी के बाहर बादल परिवार भी उनके खिलाफ रणनीति तैयार कर रहा है। राजा वड़िंग 2012 में अकाली दल की मजबूत सीट गिद्दड़बाहा से चुनाब लड़े थे और उन्होंने बादल परिवार के मेंबर मनप्रीत सिंह बादल को हराया। इसके बाद उन्होंने 2017 और 2022 में इसी सीट से जीत दर्ज की थी। 2024 में वह लुधियाना सीट से लोकसभा पहुंचे। इसके बाद गिद्दड़बाहा से उनकी पत्नी अमृता ने उपचुनाव लड़ा लेकिन वह हार गईं। अब बादल परिवार राजा वड़िंग के खिलाफ गिद्दड़बाहा से चुनावी मैदान में कूदने का ऐलान कर चुका है। शिरोमणि अकाली दल के अक्ष्यक्ष सुखबीर बादल ने 2027 के विधानसभा चुनाव में गिद्दड़बाहा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

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