दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के बाद पंजाब में सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस दावा कर रही है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के 30 विधायक उसके संपर्क में हैं। इस बीच मंगलवार को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत सभी विधायकों के साथ एक बैठक की। इस मीटिंग के बाद कांग्रेस के दावों पर भगवंत मान ने जवाब देते हुए कहा कि पाला बदलना कांग्रेस की संस्कृति है।
दरअसल, दिल्ली में हार के बाद कांग्रेस दावा कर रही है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी टूट सकती है। कांग्रेस का ये भी दावा है कि आम आदमी पार्टी के कई विधायक उसके संपर्क में है।
प्रताप बाजवा पर मान का तंज
पंजाब कांग्रेस के विधायक प्रताप सिंह बाजवा चुनाव नतीजों के बाद से आम आदमी पार्टी के विधायकों से संपर्क में होने का दावा कर रहे हैं। इस पर भगवंत मान ने मंगलवार को उन पर तंज कसते हुए कहा, 'बाजवा पौने तीन साल से यही दावा कर रहे हैं। वो कहते रहते हैं कि 30-40 विधायक संपर्क में हैं। मैं प्रताप सिंह बाजवा से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने ये गिना कि दिल्ली में उनके कितने विधायक है?'
'अपने विधायकों की गिनती करें बाजवा'
भगवंत मान यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे बाजवा पर चुटकी लेते हुए कहा, 'पाला बदलना कांग्रेस की संस्कृति है। वो दूसरों की बात करते हैं। उन्हें अपनी चिंता करनी चाहिए। उन्हें हमारे विधायकों की गिनती नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय उन्हें ये देखना चाहिए कि दिल्ली में कांग्रेस के कितने विधायक हैं।'
भगवंत मान ने पार्टी में टूट की बात को खारिज करते हुए कहा, 'बाजवा पहले भी कहते रहे हैं कि 30 या 40 विधायक उनके संपर्क में हैं। उन्हें कहने दीजिए। हमने गांवों और कस्बों में जाकर अपने खून-पसीने से पार्टी का गठन किया है।'
अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक के बाद पंजाब के विधायक हरपाल सिंह चीमा ने कहा, 'लीडरशिप बदलने का कोई सवाल नहीं है। पार्टी एकजुट है। ये सिर्फ विपक्ष की एक चाल है।'
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कांग्रेस का दावा- टूट रही है AAP
दिल्ली के चुनाव नतीजे आने के बाद कांग्रेस ने पंजाब में आम आदमी पार्टी के टूटने का दावा किया है। हाल ही में प्रताप सिंह बाजवा ने आम आदमी पार्टी के 30 विधायकों के संपर्क में होने का दावा किया था।
कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी पार्टी में टूट का दावा किया है। उन्होंने कहा, '8 को नतीजे आए और दो दिन में ही हलचल मच गई। ये कहीं न कहीं उनके लिए खतरे की घंटी तो है। इतनी जल्दी मीटिंग बुलानी पड़ी तो मुझे लगता है कि बहुत जल्दी पार्टी टूट जाएगी। जब पार्टी हारती तो मंथन तो होता है लेकिन वहां के राज्य का होता है। दूसरे राज्य का नहीं होता। उन्हें लग रहा है कि जो दिल्ली में हुआ है, वो पंजाब में न हो जाए।'
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दिल्ली में 22 सीटों पर सिमटी AAP
2015 और 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 में से 60 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। हालांकि, इस बार आम आदमी पार्टी महज 22 सीटों पर सिमट गई है। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन जैसे बड़े चेहरे भी चुनाव हार गए हैं। ऐसी अटकलें हैं कि अरविंद केजरीवाल पंजाब की लुधियाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।