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बिहार में नया 'P-2' फॉर्मूला? प्रिंयका गांधी-PK के मिलने के बाद अटकलें तेज

प्रशांत किशोर बिहार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ मुखर रहे। उन्होंने कहा था कि बिहार में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल की पिछलग्गू पार्टी है।

Prashant Kishor and Priyanka Gandhi

प्रशांत किशोर और प्रियंका गांधी। (Photo Credit: PTI)

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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हुए 1 महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है। चुनाव प्रचार में हर दिन टीवी पर नजर आने वाले प्रशांत किशोर, लाइमलाइट से दूर पड़े हैं। उन्होंने बिहार की सत्ता में आने का वादा किया था, एक भी सीट उनकी पार्टी नहीं जीत पाई। बिहार में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने इंडिया गठबंधन और सत्तारूढ़ एनडीए दोनों के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन अब एक कदम से वह चर्चा में आ गए हैं।  

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रशांत किशोर ने हाल ही में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की है। कांग्रेस और जन सुराज के नेता इस पर कुछ कहने से बच रहे हैं लेकिन राजनीतिक हलकों में यह चर्चा का विषय है। कांग्रेस और प्रशांत किशोर की दोस्ती नई नहीं है लेकिन जब टूटी तो बेहद कड़वाहट से टूटी। तब से लेकर अब तक प्रशांत किशोर, कांग्रेस के धुल आलोचक बन गए।

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बेहद तल्ख रहे हैं कांग्रेस-प्रशांत किशोर के रिश्ते

 बिहार चुनाव के दौरान उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी का 'वोट चोरी' अभियान और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) बिहार में चुनावी मुद्दा नहीं है। चुनाव में जन सुराज पार्टी को बड़ा झटका लगा। पार्टी कहीं नहीं ठहर पाई। 

नाकामी के बाद कांग्रेस के करीब आएंगे प्रशांत किशोर?

जन सुराज पार्टी ने 238 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन एक भी सीट नहीं जीती। 236 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस का भी प्रदर्शन खराब रहा। कांग्रेस ने 61 सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ 6 सीटें जीतीं। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 19 सीटें मिली थीं।

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कांग्रेस से पीके का पुराना रिश्ता रहा है

प्रशांत किशोर पहले चुनावी रणनीतिकार थे और गांधी परिवार से उनका पुराना नाता रहा है। साल 2021 में जनता दल यूनाइटेड (JDU) से निकाले जाने के बाद उन्होंने कांग्रेस को मजबूत बनाने का प्रस्ताव दिया था। 2022 में बातचीत आगे बढ़ी। अप्रैल 2022 में उन्होंने सोनिया गांधी के घर पर राहुल और प्रियंका सहित कई बड़े नेताओं के सामने अपना प्लान बताया था। प्रशांत किशोर तब कांग्रेस में शामिल होने को तैयार थे।

आखिर कांग्रेस से क्यों हटे थे प्रशांत किशोर?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक  सोनिया गांधी ने उनकी सलाह पर एक 'एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप' बनाया था। प्रशांत किशोर को इसमें शामिल होने का ऑफर दिया। प्रशांत किशोर ने आखिरी वक्त में इसे मना कर दिया था। वे ज्यादा अधिकार और स्वतंत्रता चाहते थे। 

कांग्रेस ने बयान जारी कर कहा था कि प्रशांत किशोर ने ऑफर ठुकरा दिया। जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि पार्टी को उनकी जरूरत से ज्यादा नेतृत्व और इच्छाशक्ति की जरूरत है, जिससे कांग्रेस को समस्याओं को सुधारा जा सके। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता बाहर के व्यक्ति को इतना बड़ा बदलाव करने की इजाजत देने के खिलाफ थे। तब से रिश्ते खराब हो गए। 

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नई अटकलें क्या हैं?

प्रशांत किशोर और प्रियंका गांधी की मुलाकात बेहद अलग मानी जा रही है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रशांत किशोर और प्रियंका गांधी किसी नई रणनीति पर काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के बीच तल्खियों की खबरें भी कई बार सामने आ चुकी हैं। अब इस मुलाकात पर लोग कह रहे हैं कि ऐसा हो सकता है कि कांग्रेस भी आरजेडी का विकल्प देख रही हो।  

 


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