कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच ब्रेकफास्ट पर चर्चा भले ही हो गई हो लेकिन दोनों के बीच खींचतान अब भी जारी है। सीएम और डिप्टी सीएम के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान को लेकर दिल्ली में कांग्रेस की एक हाईलेवल मीटिंग भी हुई लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। यह मीटिंग दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास पर हुई थी।
कांग्रेस हाईकमान की यह बैठक ऐसे समय हुई थी, जब हाल ही में सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने एक-दूसरे के घर पर ब्रेकफास्ट मीटिंग की थी। हाईकमान के कहने पर ही दोनों के बीच यह मीटिंग हुई थी।
हालांकि, इसके बावजूद कर्नाटक में दोनों के बीच चल रही तनातनी खत्म नहीं हुई है। दोनों के बीच मामला शांत करवाने के लिए शनिवार को कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर बैठक हुई थी।
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बैठक में हुआ क्या?
यह बैठक शनिवार को सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर हुई। इस बैठक में सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल मौजूद थे।
बैठक के बाद वेणुगोपाल ने मीडिया से कहा, 'हमने मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर सामान्य चर्चा की। हमने कर्नाटक पर भी चर्चा की, लेकिन कर्नाटक के बारे में एक और चर्चा होगी।'
उन्होंने कहा, 'कर्नाटक पर चर्चा की लेकिन कोई नतीजा नहीं। हम इस पर फिर चर्चा करेंगे।' उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक में कांग्रेस एकजुट है। उन्होंने कहा कि बैठक में 14 दिसंबर को 'वोट चोरी' के खिलाफ होने वाली रैली की तैयारियों पर भी चर्चा की गई।
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कर्नाटक में विवाद क्या है?
कर्नाटक में मई 2023 में कांग्रेस की सरकार बनी थी। ऐसा माना जाता है कि तब पावर शेयरिंग को लेकर 2.5-2.5 साल का फॉर्मूला बना था। इसके तहत पहले ढाई साल सीएम सिद्धारमैया बनेंगे तो बाकी बचे ढाई साल में शिवकुमार मुख्यमंत्री होंगे।
शिवकुमार ने इस फॉर्मूले को लेकर अटकलों को हवा तब और दे दे दी थी, जब उन्होंने कहा था कि '5-6 लोगों के बीच सीक्रेट मीटिंग' हुई थी।
20 नवंबर को ही सिद्धारमैया की सरकार के ढाई साल पूरे हुए हैं। इसके बाद से खींचतान और तेज हो गई है। कई कांग्रेसी विधायक दिल्ली आए थे और कथित तौर पर शिवकुमार को सीएम बनाने का दबाव डाल रहे थे।
हालांकि, दोनों ही नेता इस पर खुलकर कुछ नहीं कहते। सिद्धारमैया दावा करते हैं कि वह 5 साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे और अगला बजट भी पेश करेंगे। वहीं, शिवकुमार का कहना है कि उन्होंने कभी मुख्यमंत्री पद नहीं मांगा। पार्टी जो कहेगी, वह वही करेंगे।