कर्नाटक के कोगिलु गांव में अवैध निर्माण को गिराने पर सियासत गरमा गई है। बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। कोगिलु गांव राजधानी बेंगलुरु के अंतर्गत आता है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि 22 दिसंबर को यहां अवैध निर्माण के खिलाफ सरकार ने बुलडोजर एक्शन शुरू किया। चार जेसीबी और 100 से अधिक पुलिसकर्मियों की मौजदूगी में करीब 400 अवैध निर्माण को हटाया गया है। दो दिन पहले केरल के सीएम पिनराई विजयन ने कर्नाटक सरकार की आलोचना की। इसके बाद से कांग्रेस चौतरफा घिरती जा रही है।
मामले को तूल पकड़ते देख कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से बात की। इसकी जानकारी खुद केसी वेणुगोपाल ने अपने एक्स हैंडल पर दी। अब बीजेपी ने केसी वेणुगोपाल के इसी बयान पर आपत्ति दर्ज कराई और पूछा कि वह क्या कर्नाटक के सुपर सीएम है? कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक आर अशोक ने कहा कि कर्नाटक सम्मान, स्वायत्तता और ईमानदार शासन का हकदार है, न कि हाईकमान के 'नाटक' का। बीजेपी नेता ने आगे कहा, 'कर्नाटक राहुल गांधी और उनके गुट की कॉलोनी नहीं है।'
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कोगिलु गांव में बुलडोजर एक्शन के खिलाफ केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने आवाज उठाई थी। उन्होंने न केवल बुलडोजर एक्शन की निंदा की, बल्कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की आलोचना भी की। इसके बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से बात की। शनिवार को एक पोस्ट में केसी वेणुगोपाल ने बताया कि उन्होंने सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी डीके शिवकुमार से बात की। कोगिलु गांव की घटना पर हाईकमान की गंभीर चिंता व्यक्त की।
केसी वेणुगोपाल ने जानकारी दी कि ऐसे कदमों को बेहद सावधानी, संवेदनशीलता और दया के साथ उठाया जाए। मानवीय प्रभाव को केंद्र में रखा जाए। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मिलने, शिकायतों के समाधान के अलावा राहत एवं पुनर्वास को सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया।
क्या सुपर सीएम हैं केसी वेणुगोपाल?
कर्नाटक बीजेपी को केसी वेणुगोपाल का यही पोस्ट रास नहीं आया। पार्टी इसे राज्य के प्रशासनिक मामले में दखल बता रही है। बीजेपी नेता आर अशोक ने पूछा, 'कर्नाटक के प्रशासन में दखल देने वाले केसी वेणुगोपाल कौन होते हैं? क्या वह सुपर सीएम हैं, या कांग्रेस हाईकमान को लगता है कि चुनी हुई राज्य सरकारें दिल्ली के फरमानों पर काम करती हैं।'
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'केरल को खुश कर रही कांग्रेस'
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस हाई कमान केरल को खुश करने, सियासत और चुनावी दिखावे के कारण यह कर रही है। कर्नाटक की गरिमा, आत्म-सम्मान और प्रशासनिक अधिकार को दिल्ली में बैठे पार्टी मैनेजरों को खुश करने की खातिर दांव पर नहीं लगाया जा सकता। प्रदेश की जनता ने रिमोट कंट्रोल सरकार के लिए वोट नहीं दिया था।
उन्होंने आगे कहा क कर्नाटक चुने हुए सीएम और कैबिनेट के माध्यम से शासित होता है, न कि एआईसीसी महासचिव के जरिये। पार्टी की राय साझा करना अलग बात है, लेकिन प्रदेश सरकार पर दबाव बनाना और उपदेश देना खुला दखल है। यह संघवाद का अपमान है।
आर अशोक ने पूछा 'जब केरल से मेडिकल और अन्य कचरा कर्नाटक की सीमा पर फेंका गया तब क्या केसी वेणुगोपाल ने इतनी तत्परता दिखाई, जबकि इससे बांदीपुर, जंगलों, सार्वजनिक स्वास्थ्य और वन्यजीवों को खतरा हुआ। क्या उन्होंने कर्नाटक के पर्यावरण, किसानों या सीमावर्ती जिलों के लिए उसी चिंता और दया के साथ आवाज उठाई है। वहां चुप्पी। यहां उपदेश।'