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इंद्र योग में चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ, जानिए इस शुभ मुहूर्त का फल

वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि पर इन्द्र योग का निर्माण हो रहा है। आइए जानते हैं इस शुभ मुहूर्त का क्या लाभ है।

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देवी दुर्गा।(Photo Credit: Freepik)

हिंदू धर्म में नवरात्रि व्रत का विशेष महत्व है। बता दें कि जल्द ही चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है, जिसमें देवी दुर्गा के 9 दिव्य स्वरूपों की उपासना की जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। यह नवरात्रि इसलिए भी खास महत्व रखता है क्योंकि प्रथम दिन पर इंद्र योग का निर्माण हो रहा है, जिसे अत्यंत शुभ मुहूर्त में गिना जाता है। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि पर कब बन रहा है इंद्र योग और इस मुहूर्त से जुड़ी खास बातें।

चैत्र नवरात्रि 2025 प्रथम दिन शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, 30 मार्च के दिन इंद्र योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रेवती नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। बता दें कि इस दिन इंद्र योग शाम 05 बजकर 54 मिनट तक रहेगा और रेवती नक्षत्र शाम 04 बजकर 35 तक रहेगा और इसके बाद अश्विनी नक्षत्र शुरू हो जाएगा। इस विशेष दिन पर स्वार्थ सिद्धि योग शाम 04 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगा। बताए गए सभी मुहूर्त पूजा-पाठ के लिए सबसे उत्तम मानें जाते हैं।

 

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कैसे बनता है इंद्र योग?

इंद्र योग तब बनता है जब विशेष नक्षत्र और वार का संयोग होता है। यह योग पंचांग के 27 योगों में से एक है और इसे शुभ और प्रभावशाली माना जाता है। जब चंद्रमा और सूर्य की स्थिति एक निश्चित कोण पर आती है, तो यह योग बनता है। इस योग के प्रभाव में किए गए कार्य सफलता, मान-सम्मान और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं। यह योग किसी भी शुभ कार्य, व्यापार, विवाह, गृह प्रवेश, पूजा-पाठ आदि के लिए विशेष रूप से उत्तम माना जाता है।

इंद्र योग को शुभ मुहूर्त क्यों माना जाता है?

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि इस योग में आरंभ किए गए कार्यों में बाधाएं नहीं आतीं और सफलता निश्चित होती है। साथ ही यह योग व्यक्ति को प्रतिष्ठा और उच्च पद दिलाने में सहायक होता है। कहा यह भी जाता है कि इस योग में व्यापार, धन निवेश और आर्थिक निर्णय लाभकारी सिद्ध होते हैं। इसी वजह से विवाह, गृह प्रवेश और नए कार्यों की शुरुआत के लिए यह अत्यंत शुभ होता है।

 

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इंद्र योग में पूजा का महत्व

इस दिन भगवान इंद्र और भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। इस योग में किए गए दान-पुण्य का कई गुना फल मिलता है। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से किसी कार्य में सफलता नहीं पा रहा हो, तो इंद्र योग में पूजा और उपाय करने से बाधाएं दूर होती हैं।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।

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