उज्जैन से लगभग 50 किलोमीटर दूर एक अनोखा मंदिर है, जहां घड़ी चढ़ाने से भाग्य बदलने की मान्यता है। इस मंदिर का नाम है सगस भैरव मंदिर, जो गांव गुराड़िया सांगा में स्थित है और लोगों के बीच यह 'घड़ी वाले बाबा" के नाम से प्रसिद्ध है। श्रद्धालु यहां दूर-दूर से सिर्फ इसलिए आते हैं ताकि वे घड़ी चढ़ाकर अपना "सही वक्त" शुरू कर सकें।
श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यदि वे इस मंदिर में घड़ी चढ़ाते हैं तो उनका बिगड़ा हुआ समय सुधर जाता है। कुछ लोग मन्नत पूरी होने पर घड़ी चढ़ाते हैं, तो कुछ लोग मन्नत मांगते हुए घड़ी चढ़ा जाते हैं। यह परंपरा पिछले एक दशक से ज्यादा समय से चली आ रही है और इसका प्रभाव लोगों के अनुभवों से जुड़ा हुआ है।
मंदिर में नहीं बची घड़ी रखने की जगह
मंदिर के आसपास रहने वाले ग्रामीणों के अनुसार, हर दिन कई श्रद्धालु यहां घड़ी लेकर आते हैं। समय के साथ घड़ियों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि मंदिर में उन्हें रखने की जगह ही नहीं बची। इसलिए लोग अब मंदिर परिसर के पेड़ों पर घड़ी बांधकर जाते हैं। वहां पेड़ों पर सैकड़ों घड़ियां बंधी हुई दिखाई देती हैं, जो एक अद्भुत दृश्य पेश करती हैं।
इस मंदिर की एक और खासियत यह है कि यहां दिन-रात घड़ियों की "टिक-टिक" सुनाई देती रहती है। जो भी व्यक्ति इस रास्ते से गुजरता है, वह घड़ियों की आवाज जरूर महसूस करता है। यह आवाज मानो भक्तों की आस्था का प्रतीक बन चुकी है।
मंदिर में सुरक्षा के विशेष इंतजाम नहीं हैं, फिर भी यहां कोई घड़ी चोरी नहीं होती। कहा जाता है कि एक बार एक चोर घड़ी चुराने आया था, लेकिन किसी अज्ञात कारण से उसने घड़ी चुराने की बजाय खुद जाकर घड़ी चढ़ा दी। यह घटना स्थानीय लोगों की श्रद्धा को और गहरा बना गई।
स्थानीय निवासी और नियमित दर्शन करने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि यहां कोई तंत्र-मंत्र या दिखावा नहीं है, केवल सच्ची श्रद्धा और विश्वास है। लोगों का मानना है कि जब आप भैरव बाबा के दरबार में अपनी घड़ी चढ़ाते हैं, तो वह घड़ी सिर्फ समय नहीं बल्कि आपकी किस्मत भी बदल देती है।