हिन्दू धर्म में नववर्ष का अपना एक विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हिंदू नव वर्ष का शुभारंभ चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है। पंचांग के अनुसार, अब विक्रम संवत 2082 की शुरुआत होगी। चैत्र प्रतिपदा का दिन भारतीय संस्कृति व धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन से ही नवरात्रि का भी प्रारंभ होता है, जिससे इसे और भी शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं इस वर्ष से कब से शुरू हो रहा है हिन्दू नव वर्ष।
विक्रम संवत 2082 हिंदू नववर्ष तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 29 मार्च शाम 04 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 30 मार्च दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2082 30 मार्च 2025, रविवार के दिन शुरू होगा।
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हिन्दू नववर्ष का महत्व
हिन्दू नववर्ष केवल एक तिथि परिवर्तन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नवचेतना का प्रतीक है। इस दिन को ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि रचना का प्रथम दिन माना जाता है। साथ ही, इसी दिन भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ था और महाराज विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की शुरुआत की थी।
नववर्ष के दिन लोग घरों की साफ-सफाई करते हैं, मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और नवरात्रि व्रत का शुभारंभ भी इसी दिन से होता है। कई स्थानों पर इस दिन गुड़ी पड़वा (महाराष्ट्र), युगादि (कर्नाटक और आंध्र प्रदेश), और चेटी चंड (सिंधी समुदाय) जैसे पर्व मनाए जाते हैं।
हिन्दू पंचांग का नववर्ष और अंग्रेजी कैलेंडर का नववर्ष
अंग्रेजी कैलेंडर का नववर्ष 1 जनवरी को मनाया जाता है, जो कि सौर कैलेंडर (Solar Calendar) पर आधारित है। जबकि हिन्दू नववर्ष चंद्र-सौर (Lunar-Solar Calendar) प्रणाली पर चलता है और चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को आता है।
समय गणना में अंतर
अंग्रेजी कैलेंडर में 365 या 366 दिन होते हैं और यह पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा पर आधारित होता है।
हिन्दू पंचांग में चंद्रमा की गति का भी ध्यान रखा जाता है, जिससे इसका नववर्ष हर वर्ष अलग-अलग दिन पड़ सकता है।
धार्मिक आधार
अंग्रेजी नववर्ष सिर्फ कैलेंडर का एक नया पृष्ठ होता है, जिसका धार्मिक आधार नहीं है।
हिन्दू नववर्ष धार्मिक महत्व रखता है और इसे देवी-देवताओं से जोड़ा जाता है। यह दिन आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करने का अवसर होता है।
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संस्कृति और परंपरा
हिन्दू नववर्ष पर घरों में मंगल कलश स्थापित किया जाता है, पूजा-पाठ किए जाते हैं और व्रत रखा जाता है।
अंग्रेजी नववर्ष पर आमतौर पर पार्टियां होती हैं, आतिशबाजी की जाती है और आधुनिक तरीकों से इसका स्वागत किया जाता है।
नववर्ष 2025 का विशेष महत्व
2025 का हिन्दू नववर्ष कई कारणों से खास रहने वाला है। विक्रम संवत 2082 की शुरुआत के साथ ही यह वर्ष धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहेगा। इस साल कुछ विशेष ग्रह संयोग बन रहे हैं, जिससे यह समय आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए विशेष माना जा रहा है।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।