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मां ब्रह्मचारिणी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर, जहां चढ़ता है कद्दू का भोग

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मध्य प्रदेश के देवास जिले में मां ब्रह्मचारिणी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। जानिए मां ब्रह्मचारिणी के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में।

Maa Brahmacharini

मां ब्रह्मचारिणी, Photo Credit: Gemini

नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। आज शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है और नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी को तप की देवी कहा जाता है और माना जाता है कि कठिन साधना करने वाले के मन की इच्छाएं पूरी होती हैं। मां ब्रह्मचारिणी को सफेद रंग बहुत पसंद है और उनकी पूजा में उन्हें शक्कर, मिश्री, खीर, पंचामृत अर्पित किए जाते हैं। देश में मां ब्रह्मचारिणी का एक ऐसा भी मंदिर है जहां मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के समय प्रसाद में कद्दू चढ़ाया जाता है।

 

देशभर में मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित कई छोटे-बड़े मंदिर हैं। इनमें सबसे प्रसिद्ध बगोई माता मंदिर मध्य प्रदेश के देवास जिले के घने जंगल में स्थित है। कहा जाता है कि इस मंदिर से कोई भी व्यक्ति खाली हाथ नहीं जाता है। भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मां ब्रह्मचारिणी के इस मंदिर तक पहुंचने के लिए लोग कड़ी मेहनत करते हैं। इस मंदिर में कठोर तप करके मां ब्रह्मचारिणी को खुश किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि देवी मां के दर्शन मात्र से ही शारीरिक और मानसिक परेशानियां दूर होती हैं।

 

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कद्दू का चढ़ता है प्रसाद

वैसे तो मां ब्रह्मचारिणी को सफेद रंग बहुत पसंद है और उन्हें इसी रंग से बना प्रसाद जैसे मिश्री, खीर, पंचामृत चढ़ाया जाता है लेकिन मध्य प्रदेश में प्रसिद्ध बगोई माता मंदिर स्थित इस मंदिर में मां ब्रह्मचारिणी को कद्दूकी सब्जी का भोग लगाया जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कद्दू का भोग लगाने से मां खुश होती हैं और भक्तों पर कृपा करती हैं। इस मंदिर में जो भी भक्त आते हैं वे माता को प्रसन्न करने के लिए या फिर मनोकामना पूरी होने पर बगोई माता को प्रसाद में कद्दू चढ़ाते हैं। 

 

यह मंदिर मध्य प्रदेश के देवास जिले में स्थित है। अगर आप इस मंदिर में जाना चाहते हैं तो आप फ्लाइट, ट्रेन, बस या फिर कार से देवास जिले में पहुंच सकते हैं। यहां से आप बस या कार से बेहरी तक जा सकते हैं। इसके आगे, बेहरी से बगोई माता मंदिर तक भक्त को नंगे पांव जाना होता है। बेहरी से नंगे पांव जंगल के रास्ते इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं। नवरात्र के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु बगोई माता के दर्शन करने के लिए लोग देवास पहुंचते हैं।

इन मंदिरों में भी होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

मध्य प्रदेश के देवास जिले में स्थित मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर घने जंगलों में स्थित है और हर किसी के लिए यहां पहुंच कर मां का आशीर्वाद लेना आसान नहीं है। आपको बता दें कि सिर्फ यही मंदिर नहीं बल्कि दो मंदिर और हैं जहां मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन के लिए लाखों लोग आते हैं।

 

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मां पूर्वी देवी बाघम्बरी मंदिर

लखनऊ के शास्त्री नगर में देवी ब्रह्मचारिणी को समर्पित मां पूर्वी देवी बाघम्बरी मंदिर स्थित है। हर साल नवरात्र के दूसरे दिन इस मंदिर में मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन करने के लिए सुबह से ही भक्तों का तांता लग जाता है। इस मंदिर में खासतौर पर मां ब्रह्मचारिणी को बादाम, काजू और मखाने का भोग लगाया जाता है। नवरात्र के मौके पर इस मंदिर में पूरे देश से लोग आते हैं।

ब्रह्मचारिणी देवी मंदिर

यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित यह ब्रह्मचारिणी देवी मंदिर देखने में भी बहुत खूबसूरत लगता है। इस मंदिर में पूरे साल लोग दर्शन के लिए आते हैं। नवरात्र के दूसरे दिन बड़ी संख्या में लोग मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन करने के लिए इस मंदिर में पहुंचते हैं। माना जाता है कि नवरात्र के दूसरे दिन जो भी व्यक्ति यहां पर मौजूद देवी ब्रह्मचारिणी की मूर्ति के सामने सिर झुकाकर माथा टेकता है, उस पर सदा मां की कृपा बनी रहती है। इसके अलावा उसके घर में हमेशा सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।

 

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मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का मंत्र 

या देवी सर्वभू‍तेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

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