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पुत्रदा एकादशी से मिट जाते हैं सभी पाप, जानिए तिथि और महत्व

हिंदू धर्म में पुत्रदा एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं, पौष पुत्रदा एकादशी व्रत कब है और इसका महत्व क्या है?

Image of Bhagwan Vishnu and Ekadashi

एकादशी व्रत।(Photo Credit: Creative Image)

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष स्थान है। प्रत्येक महीने में दो एकादशी व्रत का पालन किया जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना के लिए समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत का पालन और पूजा-पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्रों में भी एकादशी व्रत के महत्व को विस्तार से बताया गया है।

 

वैदिक पंचांग के अनुसार, वर्तमान समय में पौष महीना चल रहा है। साथ ही अंग्रेजी कैलेंडर का वर्ष 2025 भी शुरू हो चुका है। ऐसे में वर्ष की शुरुआत में पौष पुत्रदा एकादशी व्रत का पालन किया जाएगा। सनातन धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस व्रत से व्यक्ति की सभी चिंताएं दूर हो जाती हैं।

पौष पुत्रदा एकादशी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 9 जनवरी दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 10 जनवरी सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी व्रत का पालन 10 जनवरी 2025, शुक्रवार को किया जाएगा।

 

इस दिन विशेष रूप से शुभ और शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। शुभ योग दोपहर 2 बजकर 37 मिनट तक रहेगा और इसके बाद शुक्ल योग शुरू हो जाएगा।

पौष पुत्रदा एकादशी से जुड़ी मान्यताएं

शास्त्रों में एकादशी व्रत के महत्व को विस्तार से बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत को 'मोक्षदायिनी व्रत' के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

 

पुत्रदा एकादशी व्रत के संदर्भ में यह मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से संतान प्राप्ति होती है और संतान के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसलिए जो दंपति संतान सुख की कामना करते हैं, वे इस व्रत का पालन अवश्य करते हैं।

 

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। व्रती को उपवास के साथ भगवान की आराधना करनी चाहिए और दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।

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