logo

ट्रेंडिंग:

रमजान में क्यों खजूर से ही खोला जाता है रोजा? जानें इससे जुड़ी मान्यता

रमजान के दौरान रोजा खोलने के लिए खजूर इफ्तार किया जाता है। जानते हैं, क्या है इसके पीछे जुड़ी मान्यता।

Image of Ramadan Khajoor Iftar

सांकेतिक चित्र।(Photo Credit: Freepik)

रमजान इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र महीना माना जाता है, जिसमें रोजे रखने की खास मान्यता है। यह रोजा यानी उपवास सुबह सहरी से शुरू होकर शाम इफ्तार तक चलता है। जब सूरज दिखाई देना बंद हो जाता है, तब रोजेदार अपना रोजा खोलते हैं, जिसे इफ्तार कहते हैं।

 

बता दें कि इफ्तार करने के लिए खजूर को सबसे उत्तम माना गया है। हालांकि, ऐसा क्यों किया जाता है? इसके पीछे धार्मिक, स्वास्थ्य और परंपरागत कारण जुड़े हुए हैं।

रोजा खजूर से ही क्यों खोला जाता है?

पैगंबर मुहम्मद की परंपरा

इस्लामिक मान्यता के अनुसार, पैगंबर मुहम्मद खुद रोजा खजूर से ही खोला करते थे। इस कारण मुस्लिम समुदाय के लोग इस परंपरा का पालन करते हैं। हदीस में यह मिलता है कि –

'जब तुममें से कोई रोजा खोले, तो उसे खजूर से खोलना चाहिए, क्योंकि यह बरकत वाला फल है। अगर खजूर उपलब्ध न हो, तो पानी से रोजा खोलो, क्योंकि वह साफ करने वाला है।'

 

यह भी पढ़ें: इस्लाम में शिया और सुन्नी की रमजान में क्या है अंतर? विस्तार से जानिए

सेहत को होता है फायदा

खजूर ऊर्जा का अच्छा सोर्स है। पूरे दिन बिना खाए रहने की वजह से शरीर में शुगर का स्तर कम हो जाता है, जिससे कमजोरी महसूस हो सकती है। खजूर में प्राकृतिक शुगर होती है, जो तुरंत ऊर्जा देती है और शरीर को स्वस्थ बनाए रखती है। इसके अलावा, इसमें विटामिन, फाइबर और मिनरल्स भी पाए जाते हैं, जो पाचन को मजबूत करते हैं।

पाचन के लिए फायदेमंद

पूरे दिन भूखे रहने के बाद, पेट अचानक भारी खाना खाने के लिए तैयार नहीं होता। खजूर हल्का और जल्दी पचने वाला फल होता है, जिससे पाचनतंत्र धीरे-धीरे सक्रिय हो जाता है। इसलिए इसे सबसे पहले खाने की सलाह दी जाती है।

इस्लाम की धार्मिक किताबों में लिखा गया है

खजूर का वजूद इस्लामी गधार्मिक किताबों और हदीसों में कई बार किया गया है। कुरआन में भी खजूर को एक पोषक और फलदायी भोजन के रूप में बताया गया है। यह अरबी संस्कृति का भी एक जरूरी हिस्सा है और इस्लाम के शुरुआती समय से ही खजूर का खाया जाता रहा है।

 

यह भी पढ़ें: रमजान में कुरान और हदीस दोनों हैं जरूरी लेकिन इन दोनों में है बड़ा अंतर

रोजा खोलने के नियम

इस्लाम में यह मान्यता है कि जब सूरज पूरी तरह डूब जाए, तभी रोजा खोलना चाहिए। साथ ही इफ्तार से पहले दुआ पढ़ने की परंपरा है। इसके बाद खजूर से इफ्तार करते हैं और यदि खजूर मौजूद नहीं है, तो पानी से रोजा खोल सकते हैं। इसके साथ यह भी कई लोग कहते हैं तुरंत भारी खाना खाने से बचना चाहिए, ताकि खाना ठीक से पच सके।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।

Related Topic:#Ramadan

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap