logo

ट्रेंडिंग:

सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी रंग पंचमी, ये है इस मुहूर्त का लाभ

हिंदू पंचांग में सर्वार्थ सिद्धि योग की गिनती शुभ मुहूर्त में की जाती है। आइए जानते हैं क्या है इसका महत्व और इससे जुड़ी मान्यताएं।

Image of Old Man doing Hindu Puja

पूजा - पाठ का सांकेतिक चित्र(Photo Credit: AI)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

हिन्दू धर्म में कोई भी मांगलिक काम करने से पहले शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। बता दें कि प्रत्येक दिन तरह-तरह के मुहूर्त बनते हैं, जिनमें कुछ शुभ होते हैं और कुछ अशुभ। इन्हीं में से एक सर्वार्थ सिद्धि योग भी है, जिसे शुभ मुहूर्त की श्रेणी में रखा गया है। ऐसी मान्यता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा-पाठ करने से या मांगलिक कार्य करने से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है। आइए जानते हैं, क्या है इस शुभ मुहूर्त से जुड़ी मान्यताएं।

क्या है सर्वार्थ सिद्धि योग का महत्व?

सर्वार्थ सिद्धि योग को बहुत ही शुभ और फलदायक माना जाता है। यह योग किसी भी कार्य को सिद्ध करने, उसमें सफलता प्राप्त करने और बाधाएं दूर करने में सहायक माना गया है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है- ‘सर्व अर्थ’ यानी सभी कार्य और ‘सिद्धि’ मतलब सफलता- यानी इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होने की संभावना होती है।

 

यह भी पढ़ें: देवी भगवती के इस शक्तिपीठ के नाम पर पड़ा है 'नैनीताल' का नाम

सर्वार्थ सिद्धि योग कैसे बनता है?

जब कोई विशिष्ट नक्षत्र किसी खास वार (दिन) के साथ आता है, तो सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होता है। यह योग सप्ताह के सातों दिनों में अलग-अलग नक्षत्रों के साथ बनता है। उदाहरण के लिए, रविवार को हस्त, अश्विनी या पुष्य नक्षत्र पड़े, तो यह योग बनता है। ऐसे कुल 27 नक्षत्रों में से कुछ विशेष नक्षत्र ही विभिन्न दिनों के साथ मिलकर इस योग का निर्माण करते हैं।

इस योग में पूजा-पाठ और कार्यों का महत्व

सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान, व्रत, हवन, दान आदि करना अत्यंत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि यह योग सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होता है, जिससे साधना में अधिक लाभ प्राप्त होता है। इस दिन भगवान की विशेष आराधना, मंत्र जप और ध्यान करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में शुभ फल मिलते हैं।

 

यह भी पढ़ें: भोग में 56 तो मंत्र जाप में 108 क्यों, क्या है इनके पीछे का गणित

क्या लाभ मिलते हैं?

कार्य सिद्धि: इस योग में शुरू किए गए कार्यों में सफलता मिलती है और अड़चनें दूर होती हैं।
धन लाभ: व्यवसाय, निवेश और आर्थिक फैसलों में लाभ की संभावना बढ़ जाती है।
सौभाग्य वृद्धि: वैवाहिक और पारिवारिक जीवन में सुख-शांति आती है।
साधना में सफलता: ध्यान, योग और मंत्र साधना करने वालों को विशेष लाभ मिलता है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।


और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap