logo

ट्रेंडिंग:

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इन 5 मंत्रों का रखें ध्यान

भगवान शिव की उपासना के लिए सोमवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर पूजा पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती है।

Image of Bhagwan Shiv

भगवान शिव।(Photo Credit: Freepik)

हिंदू धर्म में सभी देवताओं की उपासना के लिए सप्ताह में विशेष दिन निर्धारित हैं। बता दें कि भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से सोमवार के दिन की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन उनका व्रत और अभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होता है। भगवान शिव की आराधना में मंत्रों का अत्यधिक महत्व है। ये मंत्र न केवल भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं बल्कि साधक को शांति, शक्ति और समृद्धि भी प्रदान करते हैं।

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

 

इस मंत्र का अर्थ है कि हम तीन नेत्रों वाले भगवान शिव की उपासना करते हैं, जो समस्त जीवों के पोषण करने वाले हैं। जैसे खरबूजा बेल से अलग हो जाता है, वैसे ही कृपा करके हमें जन्म-मरण के बंधन से मुक्त कर अमरत्व प्रदान करें। मान्यता है कि यह मंत्र दीर्घायु, आरोग्य और मृत्यु के भय से मुक्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इसे जपने से सभी प्रकार के रोग और कष्ट दूर होते हैं।

पंचाक्षर मंत्र

ॐ नमः शिवाय॥

 

अर्थात मैं भगवान शिव को नमस्कार करता हूँ। माना जाता है कि यह सबसे सरल और प्रभावी मंत्र है। इसे जपने से मन को शांति मिलती है और सभी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।

 

यह भी पढ़ें: इस दिन महाकुंभ में होगा अंतिम महास्नान, पर नहीं होंगे नागाओं के दर्शन 

रुद्र गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

 

इस मंत्र साधक भगवान शिव से कहता है कि हम परमपुरुष भगवान महादेव को जानें, हम उनका ध्यान करें। वे रुद्र हमें ज्ञान प्रदान करें। कहा जाता है कि इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति, ज्ञान और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

लघु रुद्र मंत्र

ॐ हौं जूं सः॥

 

यह भगवान शिव की कृपा और संरक्षण प्राप्त करने के लिए संक्षिप्त लेकिन शक्तिशाली मंत्र है। यह मंत्र शिव की दिव्य ऊर्जा को जाग्रत करता है और साधक को नकारात्मक शक्तियों से बचाता है।

काल भैरव मंत्र

ॐ भयहरणं च भैरवाय नमः॥

 

इसका अर्थ है कि भय को दूर करने वाले भगवान भैरव को मेरा नमन। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंत्र का जप करने से भय, अनहोनी घटनाओं और शत्रुओं से रक्षा होती है। यह साहस और आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला मंत्र है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap