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सोमवार का दिन भगवान शिव को क्यों प्रिय है, यहां जानें सभी बातें

भगवान शिव की उपासना के लिए सोमवार दिन को विशेष स्थान प्राप्त है। आइए जानते हैं क्यों भगवान शिव को प्रिय है सोमवार व्रत और इससे जुड़ी मान्यताएं।

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भगवान शिव।(Photo Credit: AI Image)

सनातन परंपराओं के अनुसार सप्ताह में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता की उपासना के लिए समर्पित है। इस प्रकार सोमवार का दिन भगवान शिव की उपासना के लिए जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर भगवान शिव को समर्पित व्रत का पालन किया जाता है और पूजा-पाठ की जाती है। शास्त्रों में भगवान शिव को महादेव, भोलेनाथ, शंकर और नीलकंठ जैसे अन्य नामों से जाना जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। हालांकि, कई लोगों के मन में यह प्रश्न रहता है कि भगवान शिव को सोमवार का दिन क्यों प्रिय है। आइए जानते हैं, क्या है सोमवार के दिन से भगवान शिव का संबंध।

सोमवार के दिन से भगवान शिव का संबंध

शास्त्रों में यह बताया गया है कि सोमवार शब्द 'सोम' यानी चंद्रमा के नाम पर आधारित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, चंद्र देव को क्षय रोग का श्राप मिला था। जब उन्होंने भगवान शिव की उपासना की और कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव प्रसन्न हुए, तब उन्होंने चंद्रमा को अपनी जटाओं में स्थान दिया, जिससे उनकी सभी बीमारियाँ दूर हो गईं। तभी से सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना की जाती है।

 

एक पौराणिक कथा यह भी है कि जब देवता और असुरों में समुद्र मंथन किया जा रहा था, तब सबसे पहले हलाहल विष निकला, जो पूरे ब्रह्मांड को नष्ट करने में सक्षम था। तब भगवान शिव ने हलाहल विष को पी लिया और अपनी कंठ में उसे रोक लिया। इससे उनका कंठ नीला पड़ गया। इसलिए भगवान शिव का एक नाम नीलकंठ भी है। कहा जाता है कि जिस दिन यह घटना हुई वह सोमवार का दिन था, जिस वजह से सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना की जाती है।

 

एक मान्यता यह भी है कि भगवान शिव को पति स्वरूप प्राप्त करने के लिए देवी पार्वती ने कई वर्षों तक कठोर तपस्या की और सोमवार व्रत का पालन किया। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने देवी पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इसलिए सोमवार के दिन कई लोग व्रत का पालन करते हैं।

क्या है सोमवार व्रत का महत्व?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोमवार के दिन भगवान शिव को समर्पित व्रत का पालन और विधिवत पूजा करने से व्यक्ति को सुख, शांति, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ व्यक्ति की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। यह व्रत आत्म-नियंत्रण और संयम का प्रतीक भी माना जाता है और इससे मानसिक शांति भी मिलती है। एक मान्यता यह भी है कि भगवान शिव को समर्पित सोमवार व्रत का पालन करने से व्यक्ति को आरोग्यता व दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।

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