logo

ट्रेंडिंग:

ब्रज 84 कोस यात्रा में आने वाले मंदिरों को कितना जानते हैं आप?

ब्रज भूमि की पावन धरती पर हर साल होने वाली 84 कोसी यात्रा को बहुत फलदायी माना जाता है। इस यात्रा के दौरान मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, नंदगांव, बरसाना और गोकुल जैसे पवित्र स्थल मार्ग में शामिल होते हैं।

Representational Picture

प्रतीकात्मक तस्वीर: Photo Credit: AI

ब्रजभूमि की पावन धरती पर हर साल होने वाली ब्रज 84 कोस यात्रा की शुरुआत श्रद्धा और आस्था के माहौल में होती है। यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भगवान श्रीकृष्ण के जीवन, उनकी लीलाओं और ब्रज संस्कृति की आत्मा को सजीव कर देती है। करीब 252 किलोमीटर (84 कोस) लंबी यह परिक्रमा मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, नंदगांव, बरसाना और गोकुल जैसे पवित्र स्थलों से होकर गुजरती है।

 

यह यात्रा भक्तों के लिए केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भक्ति, त्याग और आत्मशुद्धि की तपस्या मानी जाती है। कहा जाता है कि इस परिक्रमा को पूर्ण करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

यह भी पढ़ें: भारत के ऐसे मंदिर जहां आज भी दी जाती है पशुओं की बलि

 

ब्रज चौरासी कोस यात्रा में श्रद्धालु कृष्ण जन्मभूमि मंदिर (मथुरा) से शुरुआत करते हैं और फिर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर, गोवर्धन पर्वत, बरसाना में राधा रानी मंदिर, नंदगांव में नंदभवन, गोकुल में ठाकुरजी मंदिर और कोकिलावन धाम जैसे प्रमुख स्थलों के दर्शन करते हैं। यात्रा के दौरान भक्तजन अलग-अलग वनों (जैसे मधुवन, तालवन, कदंबवन) और कुंडों (जैसे कुसुम सरोवर, चंद्र सरोवर, मान सरोवर) की परिक्रमा भी करते हैं।

 

यह भी पढ़ें: वेद, पुराण और उपनिषद में क्या अंतर है?

ब्रज 84 कोस यात्रा में आने वाले कुछ प्रमुख मंदिर एवं तीर्थ स्थल

  • मथुरा- कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर आदि से होकर गुजरता है। 
  • वृंदावन- ब्रज का प्रमुख हिस्सा; यहां कई प्रसिद्ध मंदिर जैसे बैंके बिहारी, राधारमण आदि शामिल होंगे। 
  • गोवर्धन- गोवर्धन पर्वत पर परिक्रमा और उससे जुड़े मंदिर और कूप शामिल हैं। 
  • बरसाना- राधा माता की जन्मभूमि और उनकी आराधना स्थल। 
  • नंदगांव- नन्द बाबा का स्थान, कृष्ण के बाल्यकाल से जुड़े स्थल। 
  • गोखुल- मान्यता के अनुसार, यहां भगवान कृष्ण ने अपना बाल्यकाल बिताया, 84 कोसी यात्रा के दौरान गोकुलनाथ मंदिर आदि पड़ते हैं। 
  • कोकिलावन- यात्रा मार्गों में शामिल वन स्थलों में से एक है। 
  • तालवन, मधुवन, कमावन, बाहुलवन आदि वन हैं जो यात्रा के मार्ग में आते हैं। 
  • रस स्थल, कुंड/सरोवर जैसे कुसुम सरोवर और चंद्र सरोवर 
  • बूटेश्वर महादेव मंदिर, भूतनाथ मंदिर आदि छोटे मंदिर यात्रा मार्ग में शामिल होते हैं। 
  • रामानरेती- कृष्ण की लीलाओं से जुड़ी कई कथाएं इस स्थल से जुड़ी हैं।
Related Topic:#Dharma Adhyatma

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap