7 सितंबर की रात 2025 का अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। भारत में इसका समय रात 9:58 से 1:26 बजे रात तक पूर्ण रूप से दिखाई देगा। यह ग्रहण भारत में दिखेगा इसलिए इस समय सूतक काल भी प्रभावी रहेगा। इसी दिन से पितृ पक्ष की भी शुरूआत हो रही है। चंद्र ग्रहण का खगोलीय घटना के रुप में धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व माना जाता है।
चंद्र ग्रहण भारत के कई जगहों पर देखा जाएगा। लोग इस समय ब्लड मून (जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो सूर्य की सीधी रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती। नीली और हरी रंग की किरणें वायुमंडल में बिखर जाती हैं। लाल रंग की रोशनी वापस चंद्रमा तक पहुंचती है। यही वजह है कि ग्रहण के समय चंद्रमा लाल का नजर आता है) का भी नजारा देख पाएंगे।
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चंद्र ग्रहण भारत में नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, अहमदाबाद और लखनऊ समेत कई शहरों में देखा जा सकेगा। भारत के अलावा चंद्र ग्रहण एशिया और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में पूरी तरह से दिखाई देगा। जबकि यूरोप, अफ्रीका, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के कुछ हिस्सों में आंशिक रूप से दिखाई देगा।
चंद्रग्रहण क्यों होता है?
चंद्र ग्रहण पूर्णिमा की रात में होता है। उस समय पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के ठीक बीच में होती है तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है। इससे वह हल्की पड़ जाती है। कभी-कभी कुछ घंटों के दौरान चांद की सतह लाल रंग में बदल जाती है। चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच से होकर गुजरती है और चंद्रमा की सतह पर अपनी छाया डालती है।
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2025 के चंद्र ग्रहण का मुख्य आकर्षण ब्लडमून होगा। यानी जब चंद्रमा गहरे लाल रंग का दिखाई देगा। यह भारतीय समय के हिसाब से रात 11:00 बजे से रात 12:22 बजे के बीच दिखाई देगा। अब 7 सितंबर के 177 दिन बाद यानी 2-3 मार्च, 2026 को अगला चंद्र-ग्रहण देखने को मिलेगा।