बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित बाबा गरीबनाथ धाम को उत्तर बिहार का देवघर कहा जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहां शिवलिंग के रूप में भगवान शिव की पूजा होती है। सावन के महीने से लेकर महाशिवरात्रि तक यहां आस्था का सैलाब उमड़ता है। मान्यता है कि यहां स्थित शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था और तभी से भोलेनाथ का यह धाम जाग्रत माना जाता है। यह मंदिर इस मंदिर से जुड़ी कथाएं भी भक्तों के बीच प्रचलित हैं। यह मंदिर मुजफ्फरपुर के प्रमुख आस्था के केंद्र के रूप में माना जाता है।
बाबा गरीबनाथ धाम मंदिर से जुड़ी एक कथा के अनुसार, कई साल पहले एक गरीब ग्वाले की गाय रोजाना एक ही स्थान पर दूध गिरा देती थी। जब ग्वाले ने उस जगह खुदाई की तो वहां शिवलिंग प्रकट हुआ। इसी वजह से इस मंदिर का नाम बाबा गरीबनाथ धाम पड़ा और इसे गरीबों के भगवान के रूप में भी पूजा जाने लगा। श्रद्धालु मानते हैं कि यहां पूजा-अर्चना करने से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
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गरीबनाथ धाम से जुड़ी पौराणिक कथा
बाबा गरीबनाथ मंदिर से जुड़ी एक अन्य कथा भी प्रचलित है, जिसके अनुसार, कहा जाता है कि प्राचीन समय में मुजफ्फरपुर क्षेत्र घने जंगलों से घिरा था। एक दिन कुछ ग्वाले (गाय चराने वाले) जंगल में गए। वहां उन्होंने एक विशाल नीम के पेड़ के नीचे जमीन से तेज प्रकाश निकलते देखा। कथा के अनुसार, यह देखकर वे डर गए और गांव लौट आए। उस रात गांव के मुखिया को सपने में भगवान शिव ने दर्शन दिए और कहा कि उस स्थान पर मेरे शिवलिंग की स्थापना करो।
प्रचलित कथा के अनुसार, अगली सुबह जब लोग वहां पहुंचे तो नीम के पेड़ की जड़ से एक स्वयंभू शिवलिंग प्रकट हुआ। धीरे-धीरे वहां मंदिर का निर्माण हुआ और यह स्थान 'गरीबनाथ धाम' के नाम से प्रसिद्ध हो गया। कहा जाता है कि बाबा गरीबनाथ गरीबों और असहायों के दुख हरते हैं। इसलिए उनका नाम गरीबनाथ पड़ा।
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गरीबनाथ धाम की विशेषता
- यह स्थल सावन महीने में विशेष महत्व रखता है। हजारों कांवड़िए यहां जलाभिषेक करने आते हैं।
- बाबा गरीबनाथ धाम को 'बिहार का देवघर' कहा जाता है, जैसे झारखंड का देवघर प्रसिद्ध है।
- यहां का शिवलिंग स्वयंभू माना जाता है और इसका तेज, आभा व चमत्कार भक्तों को अपनी ओर खींचता है।
- सावन और महाशिवरात्रि पर यहां भव्य मेले लगते हैं, जिनमें दूर-दूर से श्रद्धालु शामिल होते हैं।
- मान्यता है कि यहां जलाभिषेक और पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मंदिर की मान्यता
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, बाबा गरीबनाथ धाम को जाग्रत शिवलिंग का धाम माना जाता है। कहा जाता है कि यहां की गई पूजा का फल भक्तों को अवश्य मिलता है। श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद भोलेनाथ को बेलपत्र, दूध, जल और विशेष प्रसाद चढ़ाते हैं। सावन के महीने में विशेष रूप से यहां गंगा जल से अभिषेक का महत्व माना जाता है।
मंदिर तक पहुंचने का रास्ता
- नजदीकी रेलवे स्टेशन: मुजफ्फरपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर है। स्टेशन से ऑटो या रिक्शा से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- सड़क मार्ग से: बिहार के सभी प्रमुख शहरों से मुजफ्फरपुर के लिए बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।
- नजदीकी एयरपोर्ट: निकटतम एयरपोर्ट दरभंगा है, जो लगभग मंदिर से 65 किलोमीटर दूर है। दरभंगा से सड़क मार्ग के जरिए 2 घंटे में मुजफ्फरपुर पहुंचा जा सकता है।