'मरे हुए लोगों के साथ डांस करना', यह शब्द सुनने में अजीब या डरावना लग सकता है लेकिन यह एक देश की अनोखी परंपरा है जिसे फमादिहाना कहा जाता है। यह देश है मेडागास्कर जहां लाश के साथ डांस करने की अनोखी परंपरा है। मालगासी समुदाय की यह एक अनूठी सांस्कृतिक प्रथा है। इसे डांसिंग विद द डेड के नाम से भी जाना जाता है। यह कोई डरावनी या अपमानजनक प्रथा नहीं बल्कि मृतकों के प्रति सम्मान, प्यार और उनकी आत्मा को शांति देने का एक उत्सव है।
फमादिहाना क्या है?
फमादिहाना, जिसका मतलब मालगासी भाषा में 'हड्डियों का पुनर्जनम' या 'शवों को फिर से लपेटना' है जिसका उद्देश्य मृत परिजनों को याद करना, उनकी आत्मा को सम्मान देना और यह सुनिश्चित करना है कि वे अगली दुनिया में शांति पाएं। यह हर 5 से 7 साल में होता है, जब परिवार मृतकों की कब्रें खोलता है। यह प्रथा मुख्य रूप से मेडगास्कर के कुछ क्षेत्रों में बहुत मशहूर है।
यह भी पढ़ें: विदेशी छात्रों से US को कितनी कमाई, 3.78 लाख अमेरिकियों को मिल रहा काम

कैसे निभाई जाती है यह प्रथा
परिवार वाले मृत परिजनों की कब्र खोलते हैं और उनके अवशेष, ह़ड्डियां या शव को निकालते हैं। शव को सावधानी से साफ किया जाता है और उन्हें नए, साफ कपड़ों जैसे रेशमी कपड़ों में लपेटा जाता है। मृतक का नाम कपड़े पर लिखा जाता है ताकि उनकी पहचान बनी रहे।
इसके बाद परिवार, दोस्त और पड़ोसी एक साथ इकट्ठा होते हैं। लाइव म्यूजित बजाया जाता है और लोग मृतकों के अवशेषों को कंधों पर उठाकर या उनके साथ नाचते हैं। यह एक खुशी का उत्सव होता है, जिसमें खाना, पीना और गाना शामिल है। डांस करने के बाद, शनृव को फिर से कब्र में रख दिया जाता है।

इसका सांस्कृतिक महत्व क्या?
मालगासी लोग मानते हैं कि मृतकों की आत्माएं जीवित परिवार के साथ जुड़ी रहती हैं। फमादिहाना के जरिए वे अपने पूर्वजों से आशीर्वाद मांगते हैं। उनका मानना है कि अगर मृतकों की अच्छी देखभाल की जाए, तो उनकी आत्माएं परिवार की रक्षा करेंगी और उन्हें समृद्धि देंगी। मालगासी संस्कृति में मृत्यु को दुख की बजाय एक नए सफर की शुरुआत माना जाता है, इसलिए वह इसे बहुत धूमधाम से मनाते है।
यह भी पढ़ें: अमेरिका जाने वाले सावधान, एयरपोर्ट पर फोन और लैपटॉप भी चेक हो सकता है
यह कब और क्यों शुरू हुई?
फमादिहाना की शुरुआत 17वीं सदी के आसपास मानी जाती है। यह मालगासी समुदाय की पूर्वज पूजा की परंपरा से जुड़ी है। मालगासी लोग मानते हैं कि मौत के बाद आत्मा पूरी तरह से अगली दुनिया में नहीं जाती, जब तक कि शव पूरी तरह से मिट्टी में न समा जाए। फमादिहाना इस प्रक्रिया को तेज करने और आत्मा को शांति देने का तरीका है।
यह प्रथा बहुत महंगी है क्योंकि इसमें कपड़े, खाना, संगीत, और मकबरे की मरम्मत तक पर खर्चा होता है। इसलिए इसे अमीर और मीडिल क्लास परिवार ही ज्यादा निभाते हैं। इसमें पूरे गांव, पड़ोसियों और दूर के रिश्तेदारों को बुलाया जाता है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कब्र खोलने से संक्रामक बीमारियां फैल सकती हैं, जैसे प्लेग, जो मेडागास्कर में पहले भी फैल चुका है। हाल के वर्षों में फमादिहाना की लोकप्रियता कम हो गई है।