भारतीय टीम ने एशिया कप 2004 का फाइनल गंवा दिया था। सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम इंडिया पिछले एक साल में तीसरी बार खिताब से चूकी थी।
सौरव गांगुली। (File Photo Credit: ICC/X)
साल 2004 का एशिया कप। भारतीय टीम ने गिरते-पड़ते फाइनल में जगह बनाई। सौरवगांगुली की कप्तानी वाली टीम के पास खिताब जीतकर 2003 वर्ल्ड कप की हार के जख्मों पर मरहम लगाने का सुनहरा मौका था। मगर इस बार भी वह आखिरी बाधा नहीं पार कर सकी। श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो के आरप्रेमदासा स्टेडियम में भारतीय टीम 229 रन के टारगेट का पीछा करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 203 रन तक ही पहुंच पाई। उसे खिताबी मुकाबले में 25 रन से दिल तोड़ने वाली हार का सामना करना पड़ा। इस तरह गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम पिछले एक साल में तीसरी बार खिताब के करीब पहुंचकर भी चूक गई।
भारत का मिला-जुला रहा प्रदर्शन
एशिया कप के आठवें संस्करण में UAE और हॉन्गकॉन्ग को भी मौका मिला था। भारत को ग्रुप-बी में श्रीलंका और UAE के साथ रखा गया। भारत ने टूर्नामेंट के अपने पहले मैच में UAE को 116 रन से हराकर धांसू शुरुआत की। हालांकि अगले मैच में उसे श्रीलंका से 12 रन से हार के सामना करना पड़ा। ग्रुप स्टेज के मैचों की समाप्ति के बाद भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ 8 विकेट से जीत दर्ज की। फिर अगले मैच में उसे पाकिस्तान ने 59 रन से हरा दिया।
भारत के ऊपर टूर्नामेंट से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था लेकिन उसने अपने आखिरी मुकाबले में श्रीलंका को 4 रन से हराकर फाइनल में जगह बना ली। टीम इंडिया की इस रोमांचक जीत में वीरेंद्रसहवाग का बड़ा रोल रहा। उन्होंने 81 रन की पारी खेलने के बाद 9 ओवर में 37 रन देकर 3 विकेट झटके। उन्होंने शतक जड़कर खेल रहे सनतजयसूर्या (130) का विकेट लेकर बाजी पलट दी थी। सहवाग ने इससे पहले कुमार संगाकारा और तिलकरत्नेदिलशान जैसे बल्लेबाजों के विकेट निकाले थे।
एशिया कप 2004 का फाइनल 1 अगस्त को खेला गया। टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी श्रीलंकाई टीम भारत की कसी हुई गेंदबाजी के सामने 50 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 228 रन ही बना पाई। इरफान पठान और सचिनतेंदुलकर ने 2-2 विकेट लेकर श्रीलंका को बड़ा स्कोर नहीं खड़ा करने दिया। आशीष नेहरा, सहवाग और हरभजन सिंह ने भी एक-एक विकेट लिए। भारत के सामने छोटा टारगेट था लेकिन आरप्रेमदासा स्टेडियम की धीमी पिच ने इसे मुश्किल बना दिया।
सचिनतेंदुलकर ने 100 गेंद में 74 रन की पारी खेली लेकिन उन्हें दूसरे छोर से भरपूर साथ नहीं मिला। भारत की ओर से जहीर खान दूसरे हाईएस्टस्कोरर रहे, जिन्होंने 24 गेंद में नाबाद 28 रन बनाए। सहवाग, गांगुली, युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ जैसे बल्लेबाज सिंगलडिजिट स्कोर में आउट हुए, जिसके चलते भारतीय टीम लक्ष्य से 25 रन दूर रह गई।