भारत ने रविवार को हुए एशिया कप फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। जीत के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने हर भारतीय के दिल को छू लिया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुए इस टूर्नामेंट में जीत के बाद कप्तान सूर्यकुमार यादव ने ऐलान किया है कि वह टूर्नामेंट से मिली अपनी पूरी मैच फीस देश की सेना और पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवारों को दान करेंगे।
पाकिस्तान को हराने के बाद कप्तान सूर्यकुमार यादव ने एक्स पर एक भावुक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, 'मैंने इस टूर्नामेंट से अपनी मैच फीस को हमारे सशस्त्र बलों को और पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों की मदद के लिए दान करने का फैसला किया है। आप हमेशा मेरे विचारों में रहते हैं। जय हिंद।' कप्तान सूर्यकुमार यादव की यह पोस्ट वायरल हो गई। लोग सूर्यकुमार यादव की खूब तारीफ कर रहे हैं। सूर्यकुमार ने कहा कि यह उनका देश के जांबाजों और निर्दोषों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का तरीका है।
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क्या बोले सूर्यकुमार यादव?
रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में हुए इस ऐतिहासिक मैच में जीत के बाद कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा, 'हमने यह टूर्नामेंट सिर्फ क्रिकेट के लिए नहीं बल्कि देश के लिए खेला है। हाल ही में जो कुछ भी हमारे जवानों और नागरिकों के साथ पहलगाम में हुआ, वह बहुत पीड़ादायक था। मैंने फैसला किया है कि मेरी पूरी मैच फीस सेना और उन पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए दी जाएगी, जिन्होंने अपने प्रियजनों को पहलगाम आतंकी हमले में खोया है। यह मेरी तरफ से एक छोटा सा योगदान है।'
लोगों ने फैसले को सराहा
कप्तान सूर्यकुमार यादव के इस फैसले की लोगों ने खूब सराहना की। सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं, 'यह है हमारा कप्तान।'
एक व्यक्ति ने सूर्यकुमार की पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, 'एक ही तो दिल है, कितनी बार जीतोगे सूर्य भाई।' एक व्यक्ति ने लिखा कि हमारे जवानों के परिवारों के प्रति इस तरह सम्मान की भावना देखकर हमें गर्व है।
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बिना ट्रॉफी मनाया जश्न
पत्रकारों से बातचीत से पहले टीम इंडिया ने बिना ट्रॉफी के ही जीत का जश्न मनाया था। भारतीय टीम ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था, जिसके चलते ट्रॉफी को मंच पर लाया ही नहीं गया।
हालांकि, टीम ने मैदान में इस तरह जश्न मनाया जैसे ट्रॉफी उनके हाथ में ही हो। पत्रकारों ने जब ट्रॉफी ना मिलने का जिक्र किया तो सूर्यकुमार यादव ने कहा, 'ऐसा कभी नहीं देखा कि विजेता टीम को ट्रॉफी ना सौंपी जाए।' उन्होंने आगे कहा, 'जब खेल खत्म हो जाता है तो सिर्फ विजेताओं को याद रखा जाता है, ट्रॉफी की तस्वीर को नहीं। मेरे लिए, मेरे खिलाड़ी और स्टाफ ही असली ट्रॉफी हैं।'