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ब्रैंडन टेलर: जिम्बाब्वे के दिग्गज के हीरो से विलेन बनने की कहानी

क्रिकेट से बैन होने के बाद ब्रैंडन टेलर को शराब और ड्रग्स की लत लग गई थी। 3 साल पहले वह अपने बेड से भी नहीं उठ पा रहे थे। टेलर ने भारत के खिलाफ 2015 वर्ल्ड कप में शतकीय पारी खेली थी।

Brendan Taylor

ब्रैंडन टेलर। (File Photo Credit: ICC/X)

क्रिकेट जगत ने 7 अगस्त को एक दिग्गज के इमोशनल वापसी को देखा। जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान ब्रैंडन टेलर 4 साल के लंबे अंतराल के बाद इंटरनेशनल मैच खेलने उतरे। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ बुलवायो में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में अपनी वापसी की। 39 साल के टेलर बताते हैं कि यह उनके लिए डेब्यू करने जैसा था। जिम्बाब्वे के लिए 280 से ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेलने वाले इस क्रिकेटर को ICC ने 2022 में बैन कर दिया था।

फ्लावर ब्रदर्स के बाद जिम्बाब्वे क्रिकेट को बढ़ाया

एंडी फ्लावर और ग्रांट फ्लावर लंबे समय तक जिम्बाब्वे क्रिकेट की पहचान रहे। इन दो भाइयों की जोड़ी ने जिम्बाब्वे के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में 21 हजार से ज्यादा रन बनाए। 90 के दशक में जिम्बाब्वे की टीम किसी भी टीम को टक्कर देने की माद्दा रखती थी, जिसमें फ्लावर ब्रदर्स का बड़ा योगदान था। एंडी फ्लावर और ग्रांट फ्लावर के संन्यास के बाद ब्रैंडन टेलर ही जिम्बाब्वे क्रिकेट को आगे लेकर गए। टीम को भले ही पहले जैसी सफलता नहीं मिली लेकिन फैंस की उम्मीदें उन पर जरूर टिकी रहती थीं।

टेलर पर क्यों लगा बैन?

ब्रैंडन टेलर ने सितंबर 2021 में आयरलैंड के खिलाफ वनडे मैच खेलने के बाद अचानक इंटनरेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था। उस समय उनकी उम्र 36 साल थी। रिटायरमेंट के 7 महीने बाद टेलर ने खुलासा किया कि फिक्सर्स ने उनसे संपर्क किया था और उन्हें धमकी दी थी। फिक्सर्स ने टेलर से कहा था कि अगर वह उनका कहना नहीं मानेंगे तो वे इस क्रिकेटर के कोकीन के सेवन से जुड़ी बातें सब को बता देंगे। टेलर कहते हैं कि उन्होंने फिक्सर्स की बातें मानने से इनकार कर दिया और रिटायर हो गए।

 

टेलर के इस खुलासे के बाद ICC ने ऐक्शन लिया क्योंकि उन्होंने इसकी सूचना एंटी-करप्शन यूनिट को नहीं दी थी। इस तरह की जानकारी तुरंत ICC को देनी होती है। ICC ने जनवरी 2022 में अपने एंटी-करप्शन कोड के उल्लंघन और कोकीन के सेवन के कारण टेलर को साढ़े तीन साल के लिए बैन कर दिया। टेलर पर 2019 में भारतीय बिजनेसमैन से 15,000 अमेरिकी डॉलर लेने की बात स्वीकार करने के आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट्स हैं कि भारतीय बिजनेसमैन ने टेलर को सैमसंग S10 फोन दिया था। साथ ही उन्हें शॉपिंग भी करवाया था।

 

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नशे की लत में डूब गए थे टेलर

ब्रैंडन टेलर नशे की लत से जूझ रहे थे। उन्हें शराब और ड्रग्स की लत बुरी लत गई थी। संन्यास लेने के बाद वह ड्रग टेस्ट में फेल हो गए। क्रिकेट से बैन की घोषणा होने पर उन्होंने खुद को रिहैब सेंटर में भर्ती करवाया। टेलर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच शुरू होने से पहले अपने बुरे दिनों को याद करते हुए कहा कि 3 साल पहले मैं बिस्तर से उठ नहीं पाता था और अब यहां हूं। वह काम कर रहा हूं जो मुझे पसंद और वह है जिम्बाब्वे के लिए खेलना।

 

टेलर बैन के चलते किसी भी तरह के ऑफिशियल क्रिकेटिंग स्ट्रक्चर से नहीं जुड़ सकते थे। ऐसे में उन्होंने अपने घरे में ही कोचिंग शुरू की। इस उम्मीद में कि बैन पूरा होने के बाद वह कोचिंग में अपना करियर बनाएंगे। हालांकि जिम्बाब्वे क्रिकेट के मैनेजिंग डायरेक्टर के कहने पर उन्होंने अपना मन बदला और इंटरनेशनल क्रिकेट में उनकी बेहद इमोशनल वापसी हुई। टेलर ने अपनी कमबैक पारी में 44 रन बनाए। जिम्बाब्वे की टीम अपनी पहली पारी में 125 रन पर ही सिमट गई, जिसमें टेलर हाईएस्ट स्कोरर रहे।

 

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भारत के खिलाफ वर्ल्ड कप में ठोका था शतक

ब्रैंडन टेलर ने भारत के खिलाफ 2015 वर्ल्ड कप में आतिशी शतकीय पारी खेली थी। ऑकलैंड में खेले गए उस मुकाबले में टेलर ने महज 110 गेंद में 15 चौके और 5 छक्कों की मदद से 138 रन ठोक दिए थे। उनकी पारी की बदौलत जिम्बाब्वे ने 287 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में भारतीय टीम 92 रन पर 4 विकेट गंवा चुकी थी। हालांकि इसके बाद सुरेश रैना और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मिलकर भारत को जीत दिला दी। जिम्बाब्वे के फील्डर्स ने धोनी और रैना को कुछ जीवनदान भी दिए, जिससे टेलर की मेहनत पर पानी फिर गया।

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