उज्बेकिस्तान के समरकंद में चल रहा FIDE ग्रैंड स्विस चेस टूर्नामेंट डी गुकेश के लिए अब तक निराशाजनक रहा है। सबसे कम उम्र में वर्ल्ड चैंपियन बनने का रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले गुकेश ने लगातार तीन हार के बाद शुक्रवार (12 सितंबर) को आठवें राउंड में ड्रॉ खेला। उन्हें ड्रॉ पर रोकने वाला कोई और नहीं बल्कि भारत की दिव्या देशमुख थीं। दिव्या इसी साल जुलाई में FIDE महिला वर्ल्ड कप जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बनी थीं। साथ ही उन्होंने सबसे युवा महिला वर्ल्ड कप विजेता बनने का रिकॉर्ड भी बनाया।
अब दिव्या FIDE ग्रैंड स्विस चेस टूर्नामेंट में काले मोहरे से खेलते हुए 103 चालों के बाद गुकेश को ड्रॉ पर रोक फिर से सुर्खियों में आ गई हैं। क्लासिकल फॉर्मेट में उनके और गुकेश के बीच यह पहला मुकाबला था, जो 6 घंटे तक चला। दिव्या ने शुरुआत अच्छी नहीं की थी लेकिन उन्होंने गुकेश की गलतियों का फायदा उठाया और यह रोमांचक मुकाबला बराबरी पर छूटा।
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गुकेश टॉप-10 से हुए बाहर
मुकाबले में गुकेश और दिव्या में 289 रेटिंग का अंतर था। गुकेश की रेटिंग 2767, जबकि दिव्या की रेटिंग 2478 थी। रेटिंग के अंतर को देखते हुए मुकाबला बराबरी पर रहना दिव्या के लिए जीत से कम नहीं है। दिव्या दबाव में 100 से ज्यादा चालों तक डटी रहीं। गुकेश और दिव्या पहले ही ड्रॉ पर सहमत हो सकते थे लेकिन गुकेश को यह मंजूर नहीं था। उन्होंने जीत की उम्मीद में लगातार दबाव बनाया लेकिन दिव्या ने गलती नहीं की। आखिरकार गुकेश को ड्रॉ का प्रस्ताव रखना पड़ा और दिव्या ने बिना किसी हिचकिचाहट के उसे स्वीकार कर लिया। इस ड्रॉ के बाद गुकेश लाइव रेटिंग में टॉप-10 से बाहर हो गए हैं। वह 2748.2 रेटिंग के साथ अब 12वें पायदान पर आए गए हैं।
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जब 7 साल पहले दिव्या ने गुकेश का हिंदी टेस्ट लिया
गुकेश और दिव्या के बीच मुकाबले के बाद 7 साल पुराना एक वीडियो वायरल है। उस वायरल वीडियो में दिव्या यह पूछते हुए दिख रही हैं कि तुम्हें कितनी हिंदी आती है? इसके जवाब में गुकेश कहते हैं 'जीरो।' यानी उन्हें हिंदी बिल्कुल नहीं आती। दिव्या को एक पल के लिए इस पर यकीन नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने एक हिंदी प्लेटफॉर्म के लिए गुकेश की ट्रांसलेटर की भूमिका निभाई थी।
महिला वर्ग नहीं ओपन वर्ग में क्यों खेलीं दिव्या?
FIDE ग्रैंड स्विस चेस टूर्नामेंट के टॉप-2 खिलाड़ी अगले साल कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई करेंगे। कैंडिडेट्स टूर्नामेंट से ही वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के लिए चैलेंजर तय होते हैं। दिव्या FIDE महिला वर्ल्ड कप जीतकर कैंडिडेट्स टूर्नामेंट का टिकट हासिल कर चुकी हैं। उन्हें ग्रैंड स्विस चेस टूर्नामेंट के पुरुष वर्ग में खेलने लिए FIDE से वाइल्डकार्ड मिला है। ऊंची रेटिंग वाले खिलाड़ियों के साथ खेलने से उन्हें कैंडिडेट्स की तैयारी में मदद मिलेगी। इसलिए वह महिला वर्ग में नहीं बल्कि ओपन वर्ग में खेल रही हैं।