भारत ने डेविस कप 2025 में शानदार शुरुआत की है। डेविस कप में 37वीं रैंकिंग पर मौजूद भारत ने वर्ल्ड ग्रुप-1 मुकाबले में पहले दिन (शुक्रवार) दोनों सिंगल्स मैच जीतकर स्विट्जरलैंड पर 2-0 की बढ़त हासिल कर ली है। 25 साल के दक्षिणेश्वर सुरेश ने भारत को पहली जीत दिलाई। रिजर्व खिलाड़ी के रूप में चुने गए दक्षिणेश्वर ने अपने से ऊंची रैंकिंग वाले जेरोम काइम को सीधे सेटों में 7-6, 6-3 (5) से हराया।
भारतीय कप्तान रोहित राजपाल ने पहले सिंगल्स मुकाबले में आर्यन शाह की जगह दक्षिणेश्वर पर भरोसा जताया और इस 6 फिट 5 इंच लंबे खिलाड़ी ने अपने उन्हें निराश नहीं किया। ATP रैंकिंग में 626वें स्थान पर मौजूद दक्षिणेश्वर का खेल 155वीं रैंक वाले काइम से कहीं बेहतर था। उन्होंने नेट का शानदार इस्तेमाल कर अपने प्रतिद्वंद्वी को लगातार परेशान किया।
दूसरे सिंगल्स मुकाबले में दो बार के ओलंपियन सुमित नागल ने मार्क-एंड्रिया ह्यूस्लर को 6-3, 7-6(4) को हराकर भारत को अजेय बढ़त दिलाई। अब भारत को यूरोपीय टीम के खिलाफ यादगार जीत हासिल करने के लिए तीन में से महज एक मैच अपने नाम करने की जरूरत है।
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जीत के बाद क्या बोले दक्षिणेश्वर?
डेविस कप डेब्यू मैच में जीत दर्ज करने के बाद दक्षिणेश्वर ने बताया कि दबाव बहुत था लेकिन परिणाम अच्छा रहा। उन्होंने कहा, 'यह एक सपने जैसा लग रहा है। मैंने शांत रहने की कोशिश की और अपनी ताकत पर भरोसा किया। दबाव तो था लेकिन मैं खुश हूं कि मैंने इसे काफी अच्छे से संभाला। नतीजा अच्छा रहा।'
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कौन हैं दक्षिणेश्वर सुरेश?
दक्षिणेश्वर सुरेश तमिलनाडु के मदुरै से आते हैं। वह अमेरिका के वेक फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। प्रोफेशनल टेनिस सर्किट में दक्षिणेश्वर पिछले महीने भी चर्चा में रहे थे। उन्होंने विंस्टन-सलेम ATP 250 में एलेजांद्रो टेबिलो को हरा दिया था। कभी वर्ल्ड टेनिस रैंकिंग में 19वें नंबर पर रहे टेबिलो के खिलाफ जीत दर्ज कर दक्षिणेश्वर ने मेन ड्रॉ में जगह बनाई। दक्षिणेश्वर को विंस्टन-सलेम ATP 250 में वाइल्ड कार्ड एंट्री दी गई थी। टेबिलो पर दक्षिणेश्वर की जीत इसलिए भी खास थी कि टेबिलो ने इसी साल नोवाक जोकोविच को मात दी थी।