भारत ने खेल की दुनिया में एक नया इतिहास रच दिया है। पहली बार देश ने फायरबॉल एक्सट्रीम चैलेंज यानी Fireball Extreme Challenge (FXC) वर्ल्ड कप के लिए आधिकारिक रूप से क्वालीफाई कर लिया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के पीछे मनाली और कुल्लू के छोटे-छोटे पहाड़ी गांवों के युवा खिलाड़ी शामिल हैं, जिन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद दुनिया के मंच पर भारत का तिरंगा लहराने का सपना सच करके दिखाया है।
हर रोज स्कूल खत्म होने के बाद ये लोग एक साधारण सरकारी स्कूल के मैदान में प्रैक्टिस करते हैं, जहां न तो कोई बड़ा स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर है और न ही खास सुविधाएं। पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी विजय ठाकुर की कोचिंग और खिलाड़ियों की अद्भुत मेहनत ने इन युवाओं को इंटरनेशनल लेवल के इस टूर्नामेंट तक पहुंचा दिया है। FXC दुनिया का पहला अनिवार्य को-एड स्पोर्ट है, जिसमें लड़के और लड़कियां साथ खेलते हैं। इस खेल ने दुनिया भर में समानता और टीमवर्क का प्रतीक बनकर जगह बनाई है। आइए जानते हैं क्या है FXC गेम का नियम?
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Fireball Extreme Challenge (FXC) क्या है
- FXC एक नया, तेज-तर्रार और एक्सप्लोसिव टीम-बॉल गेम है, जो शारीरिक सहन-शक्ति, फुर्ती, टीमवर्क और ड्रिबल-पास की क्षमता को बढ़ाता है।
- यह दुनिया का पहला ऐसा 'को-एड' टीम स्पोर्ट है, जहां पुरुष और महिलाएं एक साथ खेलते हैं। यानी टीम में दोनों जेंडर के खिलाड़ी अनिवार्य रूप से होते हैं।
- इस खेल में गेंद को रोका नहीं जाता है। हमेशा गेंद के पास और मूवमेंट पर जोर दिया जाता है।
ग्राउंड, गेंद और टीम स्ट्रक्चर
- मैदान: FXC मैदान आयताकार होता है, जिसका मानक करीब 15 मीटर × 25 मीटर का होता है।
- बॉल: गेंद गोल होती है, चमड़े या सिंथेटिक मैटेरियल की बनी होती है। गेंद का वजन करीब 275–300 ग्राम होता है। गेंद की बनावट और मानक को फेडरेशन मंजूर देता है।
- टीम: हर टीम में कुल 7 खिलाड़ी होते हैं, जिसमें कम से कम 3 खिलाड़ी अपोजिट जेंडर के होने अनिवार्य हैं।
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FXC खेलने के नियम
शुरू में गेंद होल्ड करना और पास करना
- जैसे ही खिलाड़ी के पास गेंद आती है, उसे 2 सेकंड के अंदर पास या थ्रो करना होता है। गेंद को हाथ में 2 सेकंड से ज्यादा नहीं रखा जा सकता।
- अगर कोई खिलाड़ी 2 सेकंड से ज्यादा गेंद पकड़े रखता है, तो वह 'dead ball possession' हो जाती है। यानी अपोजिट टीम को गेंद मिल जाएगी।
मूवमेंट नहीं रुकना चाहिए
- कोर्ट पर रुकना, खेल के वक्त चाल धीमी करना या आराम करना गेम के रुल्स में नहीं आता है। अगर खेल के दौरान कोई खिलाड़ी खड़ा हो जाए या धीरे-चलने लगे, तो वोल्ट माना जाएगा।
पास = पॉइंट
- हर सफल पास (complete pass) करने पर 1 पॉइंट मिलता है। पास का मतलब- किसी टीममेट को गेंद देना, जो 2-सेकंड रूल का उल्लंघन न हो।
- 'Self-pass' यानी खुद ही एक पास देना भी संभव है लेकिन वह पास पॉइंट काउंट नहीं किया जाता है। स्लेफ पास के बाद फिर से 2-सेकंड पास रुकने की पर्मिशन मिलती है।
- गेंद पकड़े रहने या कोर्ट से बाहर जाने पर गेंद डेड माना जाएगा।
अगर गेंद के साथ ये सब हुआ, तो गेंद 'dead' माना जाएगा
- गेंद को 2 सेकंड से ज्यादा पकड़े रहना।
- गेंद जमीन पर गिरना।
- गेंद कोर्ट से बाहर जाना।
- विरोधी टीम के जरिए गेंद इंटरसेप्ट कर जमीन पर मारना।
- रेफरी के जरिए फॉल या फाउल की वजह से खेल रोका जाना।
नॉन-वायलेंट खेल
FXC में शरीर से टकराव (body contact) आमतौर पर रुल्स में नहीं होता है। यानी बाउंस, टैकल, ब्रूट फिजिकल कॉन्टैक्ट नहीं चलेगा। यह खेल पूरी तरह रणनीति, चालाकी, तेजी और टीमवर्क पर आधारित है।