भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को खेले गए वर्ल्ड कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बन गई। भारत ने फाइनल मुकाबले में द. अफ्रीका को 52 रनों से हरा दिया। भारत ने पहले खेलते हुए 7 विकेट खोकर 298 रन बनाए थे। लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीकी महिला टीम 246 पर ऑलआउट हो गई।
पहली बार विश्व विजेता बनकर भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है। यह इतिहास रहने में सबसे बड़ा योगदान बल्लेबाज शेफाली वर्मा का है। शेफाली इस मैच की स्टार हैं। उन्होंने फाइनल मुकाबले में 78 गेंदो पर 87 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली। अपनी पारी में उन्होंने दो छक्के और सात चौक्के जड़े।
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पहले विकेट के लिए जोड़े 104 रन
अगर शेफाली वर्मा ने ओपनर स्मृति मंधाना के साथ पहले विकेट के लिए 104 रनों की साझेदारी नहीं की होती तो आज के मैच का परिणाम कुछ और होता। दरअसल, नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स एकेडमी में हुए इस मुकाबले में भारतीय टीम की शुरुआत शानदार रही। स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा ने पहले विकेट के लिए 104 रनों की साझेदारी की।
शेफाली ने खेला करियर का बेस्ट स्कोर
जब भारत का स्कोट 104 था तभी स्मृति ने 58 गेंदों का सामना करते हुए 45 रन बनाकर आउट हो गईं। मगर, शेफाली वर्मा ने अपने ODI करियर का आज बेस्ट स्कोर खेला। शेफाली शतक से तो चूक गईं लेकिन उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से क्रिकेट फैन्स का दिल जीत लिया।
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वर्ल्ड कप स्क्वॉड का हिस्सा नहीं थीं शेफाली
बता दें कि शेफाली वर्मा महिला वर्ल्ड कप स्क्वॉड का हिस्सा नहीं थीं लेकिन प्रतीका रावल के चोटिल होकर बाहर होने के बाद उनको टीम सेलेक्टर्स ने टीम में चुन लिया। प्रतीका के टीम से बाहर होने के बाद बीसीसीआई ने शेफाली वर्मा को टीम में शामिल करने की आईसीसी से अनुमति मांगी, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
शेफाली की एक साल से ज्यादा समय बाद महिला वनडे टीम में वापसी हुई है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में शेफाली सिर्फ 10 रन बनाकर आउट हो गई थीं। मगर, आज फाइनल मैच में शेफाली ने अपने प्रदर्शन से इतिहास रच दिया है, जिसे लंबे समय तक याद किया जाएगा।