एशिया कप 2025 के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। टीम इंडिया ने 147 रन के टारगेट का पीछा करते हुए 20 रन पर 3 विकेट गंवा दिए थे। यहां से तिलक वर्मा ने नाबाद 69 रन की साहसिक पारी खेली और भारतीय टीम को जीत दिलाई। दुबई से हैदराबाद पहुंचने के बाद तिलक ने मंगलवार (30 सितंबर) को बताया कि उनका अगला टारगेट टी20 वर्ल्ड कप है। तिलक ने कहा कि वर्ल्ड कप जीतने के बाद ही चैन से सो सकूंगा।
भारत की खिताबी जीत के हीरो तिलक की तुलना विराट कोहली से भी की गई लेकिन 22 साल के इस बल्लेबाज ने कहा, 'जब विराट भाई जैसे दिग्गज के साथ नाम लिया जाए तो यह गर्व की बात है लेकिन मेरा फोकस सिर्फ देश के लिए मैच जीतने पर है। मुझे खुशी है कि भारत को एशिया कप जिता सका। टी20 वर्ल्ड कप मेरा अगला लक्ष्य है और वर्ल्ड कप जीतने के बाद ही चैन से सो सकूंगा।'
तिलक ने आगे कहा, 'मैं सूर्या भाई के बयान से सहमत हूं कि पाकिस्तान का हमसे कोई मुकाबला नहीं है लेकिन यह खेल है और हमें पता था कि फाइनल में वे तैयारी से आएंगे। हमें उसकी अपेक्षा थी और हम उसके लिए तैयार थे। पिच बल्लेबाजी के लिए आसान नहीं थी लेकिन हमने अच्छी साझेदारियां करके जीत दर्ज की और हमे इस पर गर्व है।'
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देश के लिए कुछ भी...
तिलक ने बताया कि जब वह क्रीज पर आए उस समय बहुत दबाव था लेकिन उन्होंने दबाव के आगे घुटने नहीं टेके और भारत को जीत दिलाई। उन्होंने कहा, 'शुरूआत में कुछ दबाव और तनाव था लेकिन मैंने सबसे ऊपर अपने देश को रखा और मैं देश के लिए जीतना चाहता था। मुझे पता था कि दबाव के आगे घुटने टेक दूंगा तो अपने आप को और देश के 140 करोड़ लोगों को निराश करूंगा।'
तिलक ने स्वीकार किया कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने मैच में जमकर छींटाकशी की लेकिन उन्होंने खामोश रहना पसंद किया। उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर के बाद वे हमारे खिलाफ काफी आक्रामक हो गए थे। हमने उन्हें खेल को जिस तरीके से खेला जाना चाहिए, वैसे ही खेलकर जवाब दिया। मैने बेसिक्स पर भरोसा रखा जो मैंने शुरुआती दिनों में अपने अलग अलग कोच से सीखे थे और उसका अनुसरण किया। उन्हें सबसे सही जवाब यही था कि हम एशिया कप जीत जाएं और हमने वही किया।'
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मैच जिताने के बाद पाकिस्तान को दिया जवाब
तिलक कहा, 'हमने तीन विकेट जल्दी गंवा दिये थे और माहौल काफी गरम हो गया था। मैं जल्दी बल्लेबाजी करने आ गया लेकिन मैंने किसी को कुछ नहीं कहा और ना ही कोई खराब शॉट खेलकर टीम और देश को निराश किया।' उन्होंने कहा कि एक बार भारत जीत गया तो उन्होंने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को जवाब दिया। तिलक ने कहा, 'मैच के दौरान मेरा फोकस बेसिक्स पर था और मैं उन्हें जवाब नहीं देना चाहता था। मुझे जो कुछ कहना था, वह मैंने मैच के बाद कहा। मैच में बहुत कुछ चल रहा था जो मैं बता नहीं सकता। भारत और पाकिस्तान के मैचों में यह होता है लेकिन हमारा फोकस मैच जीतने पर था।'
आखिरी ओवर में नहीं था दबाव
भारत को आखिरी ओवर में दस रन चाहिए थे और तिलक ने कहा कि वह तब तक दबाव से ऊपर उठ चुके थे। उन्होंने कहा, 'मुझ पर आखिरी ओवर में दबाव नहीं था। मुझे पता था कि मैं मैच जिता दूंगा। मैं अपने देश के बारे में ही सोच रहा था और गेंद दर गेंद रणनीति बना रहा था। मुझे गर्व है कि मैं यह कर सका।'
तिलक ने इस पारी को अपने कैरियर की बेस्ट पारियों में से एक बताया। उन्होंने कहा, 'मैं इसे बेस्ट पारियों में से एक कहूंगा। इसके अलावा इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में मैंने नाबाद 72 रन बनाये थे जो बेहतरीन पारी थी। एशिया कप खेलना और पाकिस्तान के खिलाफ दबाव के हालात में फाइनल खेलना बहुत अच्छा अहसास था। मैं इस पारी को अपनी बेस्ट पारी कहूंगा।'