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दिवालिया हो गया USA क्रिकेट? क्रिकेट जगत में पहली बार हुआ ऐसा

USA क्रिकेट को पिछले महीने ICC ने सस्पेंड कर दिया था। अब बोर्ड ने चैप्टर 11 दिवालियापन के लिए आवेदन किया है। उसने अमेरिकन क्रिकेट एंटरप्राइजेज के साथ अपनी कानूनी लड़ाई की सुनवाई से ठीक पहले ऐसा किया।

USA Cricket

USA क्रिकेट टीम के खिलाड़ी। (Photo Credit: ICC/X)

USA क्रिकेट (USAC) में जारी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले महीने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने उसे सस्पेंड कर दिया था। ICC ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि USAC बार-बार चेतावनी देने के बावजूद अपनी अनियमितताओं को ठीक नहीं कर पा रहा था। ICC से सस्पेंड होने के बाद USAC ने अब अमेरिकन क्रिकेट एंटरप्राइजेज (ACE) के साथ अपनी कानूनी लड़ाई की सुनवाई से ठीक पहले चैप्टर 11 दिवालियापन के लिए के लिए अर्जी दाखिल की है। क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिकेट जगत में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी ICC से जुड़ी संस्था ने दिवालियापन की कानूनी प्रक्रिया का सहारा लिया है।

क्या पूरा विवाद?

अमेरिका में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की तर्ज पर मेजर लीग क्रिकेट (MLC) का आयोजन होता है। MLC की मालिक ACE है। इस लीग को ACE और USAC मिलकर कराते थे। इस साल की शुरुआत में अचानक USAC ने ACE के साथ अपनी पार्टनरशिप तोड़ दी थी। USAC ने आरोप था लगाया कि ACE ने खिलाड़ियों और स्टाफ को पेमेंट करने जैसे अपने वादे पूरे नहीं किए। वहीं ACE ने इन आरोपों को खारिज किया था और कहा कि USAC ने गलत तरीके से एग्रीमेंट तोड़ा है। ACE ने इसके बाद USAC पर मुकदमा कर दिया था।

 

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इसी मामले की पहली सुनवाई होनी थी लेकिन उससे ठीक पहले USAC ने चैप्टर 11 दिवालियापन के लिए आवेदन कर दिया, जिसके बाद सुनवाई रोक दी गई। चैप्टर 11 दिवालियापन अमेरिका का एक कानूनी प्रावधान है, जो किसी संस्था या व्यक्ति को अदालती निगरानी में अपने कर्ज और वित्तीय संकट को पुनर्गठित करने की अनुमति देता है। यानी दिवालियापन के लिए के लिए अर्जी डाल USAC अपना संचालन जारी रख सकता है।

 

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खिलाड़ियों के भविष्य पर सवाल

USAC के खुद को दिवालिया घोषित करने की कोशिश से खिलाड़ियों का भविष्य असमंजस में आ गया है। बोर्ड से हालिया समय में कॉन्ट्रैक्ट करने वाले खिलाड़ियों की परेशानी बढ़ सकती है। जानकारों का कहना है कि दिवालियापन की घोषणा ICC पर दबाव बनाने की एक चाल भी हो सकती है।

 

ACE के एक प्रतिनिधि ने बताया, 'USAC ने पहली सुनवाई शुरू होने से पहले यह कदम उठाया है। वे जानते थे कि रिजल्ट क्या आने वाला है। दोनों पार्टियों के बीच एग्रीमेंट को रद्द करने का कोई आधार नहीं था और यह अमेरिका में क्रिकेट की सफलता को खतरे में डाल रहा है। USAC को क्रिकेट और खिलाड़ियों की जरा भी परवाह नहीं है। यह सिर्फ बोर्ड में बैठे लोगों की अपनी राजनीति और निजी एजेंडे के लिए उठाया गया कदम है।'

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