राजस्थान के जयपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां चार कैदियों को मेडिकल जांच करवाने जाना था, लेकिन घूस के दम पर अस्पताल की जगह वे होटल पहुंचे। यहां अपनी पत्नियों और गर्लफ्रेंड के साथ ठहरे और दिनभर आराम से समय बिताया। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने 5 सिपाहियों, चारों कैदियों और उनके रिश्तेदारों को धर दबोचा है। जयपुर पुलिस ने बताया कि जेल से बाहर कुछ समय बिताने के लिए कैदियों ने रिश्वत दी थी।
कैदियों की पहचान रफीक बाकरी, भंवर लाल, अंकित बंसल और करण गुप्ता के तौर पर हुई है। इन्हें एसएमएस अस्पताल में मेडिकल जांच की अनुमति मिली थी, लेकिन सभी ने पुलिसवालों को घूस दी और अस्पताल की जगह होटल पहुंचे। यहां पूरा दिन आराम से बिताया। चार में से सिर्फ एक कैदी ही अस्पताल पहुंचा था। जब शनिवार की शाम साढ़े पांच बजे तक कोई कैदी जेल नहीं पहुंचा तो मामले का खुलासा हुआ।
होटल में पूर्व प्रेमिका से मुलाकात
डीसीपी (पूर्व) तेजस्वनी गौतम के मुताबिक रफीक ने अपनी पत्नी और भंवर ने अपनी पूर्व प्रेमिका से जालूपुरा के एक होटल में मुलाकात की। बाद में रफीक की पत्नी के पास से नशीला पदार्थ बरामद किया गया। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। अंकित और करण एयरपोर्ट के पास एक होटल ठहरे थे। दोनों को यहां पोहा खाते देखा गया। खास बात यह है कि कमरा अंकित की प्रेमिका ने बुक किया था। पुलिस ने कैदी करण के एक रिश्तेदार को गिरफ्तार किया है। उसके पास 45,000 रुपये की नकदी और कैदियों के कई आईडी कार्ड मिले हैं।
25 हजार रुपये में तय हुआ सौदा
जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक बिचौलिए के माध्यम से 25 हजार रुपये में सैर-सपाटा का सौदा तय हुआ। कैदियों के साथ रहने वाले सिपाहियों को पांच-पांच हजार रुपये देने की बात कही गई। जेल में बंद एक कैदी ने ही सैर-सपाटे की पूरी व्यवस्था की थी। जयपुर के सवाई मान सिंह थाने में मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा केंद्रीय जेल में जांच और तलाशी शुरू कर दी गई है।
अब तक 200 कॉल्स इंटरसेप्ट
जांच अधिकारी ने बताया कि अप्रैल से अब तक 200 से अधिक फोन कॉल्स को इंटरसेप्ट किया गया है। जांच में मोबाइल के इस्तेमाल, रिश्वत समेत सीएम भजनलाल शर्मा समेत वीआईपी लोगों को धमकियां देने वाले नेटवर्क का पता है।