छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एनकाउंटर में 10 नक्सली मारे गए हैं। पुलिस को शक है कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) का वरिष्ठ नेता और केंद्रीय समिति सदस्य मॉडम बालकृष्ण भी इस कार्रवाई में मारा गया है। जंगल में एनकाउंटर अभी जारी है। पूरे इलाके को सुरक्षाबलों ने घेर रखा है। इसी साल जनवरी महीने में गरियाबंद जिले के मैनपुर इलाके में एक अन्य मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 16 नक्सलियों को ढेर किया था।
रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा का कहना है कि सुरक्षाबल नक्सल विरोधी अभियान पर थे। तभी मैनपुर थाना क्षेत्र में स्थित एक जंगल में एनकाउंटर शुरू हुआ। इसमें स्पेशल टास्क फोर्स (STF), कोबरा और पुलिस के जवान शामिल हैं। अभी रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है। जमीनी स्तर से मिली जानकारी के मुताबिक कम से कम आठ नक्सलियों को मार गिराया गया है।
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पुलिस के मुताबिक जहां पर एनकाउंटर हो रहा है, वह इलाका छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 180 किमी दूर है। सुरक्षाबलों को टॉप नक्सलियों के इलाके में होने की सटीक जानकारी मिली। इसके बाद सुरक्षाबलों ने जंगल में नक्सल विरोधी अभियान चलाया तो उन पर फायरिंग की गई। जवाब में सुरक्षाबलों ने भी फायरिंग शुरू की।
1980 से माओवाद से जुड़ा बालकृष्ण
एनकाउंटर में भाकपा (माओवादी) के जिस वरिष्ठ नेता बालकृष्ण के मारे जाने की सूचना है, उसे दुनिया बालन्ना, रामचंदर और भास्कर के नाम से भी जानती हैं। वह ओडिशा राज्य समिति का सचिव रह चुका था और 1980 के दशक से ही माओवाद आंदोलन से जुड़ा रहा है।
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2025 में 241 नक्सली ढेर
साल 2025 में सुरक्षाबल अलग-अलग एनकाउंटर में 241 नक्सलियों को ठिकाने लगा चुके हैं। सबसे अधिक 212 नक्सली बस्तर संभाग के सात जिलों में मारे गए। इसके बाद रायपुर संभाग का नंबर आता है। यहां इस वर्ष 27 नक्सलियों को ढेर किया जा चुका है। दो नक्सली दुर्ग संभाग में मारे गए। मारे गए नक्सलियों की सूची में माओवादियों की केंद्रीय समिति और ओडिशा राज्य समिति का सदस्य चलपथी उर्फ जयराम का भी नाम शामिल है। साल 2024 में छत्तीसगढ़ में कुल 219 नक्सलियों को मारा गया था।