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'हो सकता है 2 दिन में इस्तीफा दे दूं', नाराज क्यों हैं कर्नाटक के MLA?

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर कांग्रेस के ही विधायक सवाल उठा रहे हैं। पहले बी आर पाटिल ने रिश्वतखोरी के आरोप लगाए, अब राजू काजे ने कहा है कि सरकार में कोई काम ठीक से नहीं हो रहा है। 

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राजू काजे, सिद्धारमैया और बी आर पाटिल, Photo Credit: Khabargaon

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार अब अपने ही विधायकों के आरोपों से घिरती जा रही है। हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक बी आर पाटिल ने आरोप लगाए थे कि हाउसिंग स्कीम के आवंटन में भ्रष्टाचार हो रहा है। अब कांग्रेस विधायक राजू काजे ने कहा है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में ढंग से काम ही नहीं हो रहा है। राजू काजे ने तो यह भी कह दिया है कि वह इतने परेशान हो गए हैं कि वह इस्तीफा दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि अगले दो दिन में ही वह मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को अपना इस्तीफा दे सकते हैं। कांग्रेस नेताओं की इस आपसी बयानबाजी पर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी तंज सकते हुए कहा है कि कांग्रेस के खुद के विधायक ही उसे एक्सपोज कर रहे हैं।

 

बी आर पाटिल का यह बयान सामने आने के बाद कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और मंत्री दिनेश गुंडू राव ने उनके बयान की आलोचना की थी। बी आर पाटिल ने अपने बयान के साथ राजू काजे का नाम भी लिया था और कहा था कि राजे काजू के अलावा कई अन्य नेता और विधायक भी इसी तरह के आरोप लगाते रहे हैं। बी आर पाटिल ने यह भी बताया है कि उन्हें सीएम सिद्धारमैया ने फोन भी किया है और कहा है कि बुधवार को बेंगलुरु में उनके इन मुद्दों पर चर्चा होगी।

 

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इस्तीफा देने पर क्यों उतारू हैं राजू काजे?

 

BR पाटिल के बयान का समर्थन करते हुए राजू काजे ने कहा है, 'जो बी आर पाटिल के साथ हुआ, वैसी ही स्थिति मेरे लिए भी बनाई जा रही है। बी आर पाटिल ने जो कहा, वह गलत नहीं है। हमारी सरकार के अधिकारी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का स्पेशल ग्रांट जारी हुआ है, 25 करोड़ दिए गए हैं लेकिन दो साल के बाद भी वर्क ऑर्डर नहीं जारी हुआ है। हमारे राज्य में प्रशासनिक ढांचा पूरी तरह से फेल हो गया है। इसके चलते मैं बुरी तरह आहत हूं। मैं स्थिति में हूं कि मैं इस्तीफा भी दे सकता हूं। यह बिल्कुल भी हैरान करने वाला नहीं होगा, अगर मैं अगले दो दिन में मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंप दूं।'

 

कहां से शुरू हुआ विवाद?

 

बी आर पाटिल न सिर्फ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं बल्कि वह राज्य के नीति और योजना आयोग के डिप्टी चेयरमैन भी हैं। रविवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने दोहराया था, 'हां, वॉइस क्लिप में जो आवाज है, वह मेरी है। मैं नहीं जानता कि किसने उसे लीक किया लेकिन मैंने सच बोला है और मैं उसके साथ खड़ा हूं। अंत में जीत सच की ही होगी।' दरअसल, एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। दावा किया गया था कि यह बी आर पाटिल और कर्नाटक के हाउसिंग मिनिस्टर बी जमीर अहमद खान के प्राइवेट सेक्रेटरी सरफराज खान की बातचीत है। इस ऑडियो में बी आर पाटिल कहते हैं, 'राजीव गांधी हाउसिंह कॉरपोरेशन लिमिटेड के तहत घर देने के लिए रिश्वत ली जा रही है और अगर मैं मुंह खोलूंगा तो सरकार हिल जाएगी।'

 

 

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इसी रिकॉर्डिंग में उन्होंने आरोप लगाए कि 950 घर रिश्वत लेकर ही दिए गए हैं और विधायकों के सिफारशी पत्र तक नजरअंदाज कर दिए गए। उन्होंने यह भी कहा कि इस रिश्वत का कोई सबूत कभी नहीं मिलेगा। इस पर बीजेपी के नेता सुभाष गुट्टेदार ने कहा, 'अगर इस मामले में सही से जांच हो तो सच सामने आ जाएगा। अलंद में भी बी आर पाटिल के भतीजे आर के पाटिल ही यह सब कर रहे हैं और अपने एजेंट के जरिए पैसे ले रहे हैं।' सुभाष गुट्टेदार के बयान पर बी आर पाटिल ने कहा, 'अगर मैं गंदी राजनीति करता या किसी को ब्लैकमेल करता तो मैं इतने चुनाव नहीं हारता। मैं मंत्री पद के लिए भी यह सब नहीं कर रहा हूं, मैंने जो देखा है उसी का खुलासा कर रहा हूं।'

 

उन्होंने यह भी कहा, 'कल्याण कर्नाटक रीजन डेवलपमेंट बोर्ड (KKRDB) ने अलंद में मौलाना आजाद मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल बनाने के लिए 17 करोड़ रुपये दिए हैं जबकि मैंने मांगे नहीं हैं। अल्पसंख्यक विभाग ने भी इसी स्कूल के लिए मेरी जानकारी के बिना 17 करोड़ रुपये दिए और मेरी जानकारी के बिना ही स्कूल का निर्माण भी शुरू कर दिया। अगर अल्पसंख्यक विभाग को पैसे देने ही थे तो मैं KKRDB को कह देता कि वे किसी और काम के लिए पैसे दे दें।'

आगे क्या होगा?

 

मौजूदा स्थिति यह है कि सीएम सिद्धारमैया ने बी आर पाटिल को बुधवार को बेंगलुरु बुलाया है। माना जा रहा है कि इसके लिए सिद्धारमैया डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले पर सिद्धारमैया ने कहा, 'मैंने सोमवार को उन्हें रायचुर के कार्यक्रम में बुलाया था। वहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी थे। अगर समय मिलता तो हम वहां चर्चा कर सकते थे लेकिन पाटिल ने इस कार्यक्रम में आने में रुचि नहीं दिखाई क्योंकि कार्यक्रम के आयोजकों ने उन्हें न्योता नहीं भेजा था। मैं उनके आरोपों के बारे में उनसे चर्चा करूंगा।'

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