दिल्ली के बाद अब महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में भी सांसों पर संकट मंडराने लगा है। शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लोगों का दम घुटने लगा है। ऐसे में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने शहर के कई इलाकों में 'ग्रैप-4 की पाबंदियां' लागू कर दी हैं। अब मुंबई भी दिल्ली की तरह उन शहरों की सूची में शामिल हो गया है, जहां वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि शहर के अधिकांश हिस्सों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खराब से गंभीर स्थिति में पहुंच गया है।
शहर में धुंध अभी बनी हुई है, इसलिए अधिकारियों ने सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में ग्रैप-4 लागू करने का निर्णय लिया है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब सोमवार (1 दिसंबर) को मुंबई का AQI सुधरकर ‘मॉडरेट’ श्रेणी में पहुंच गया। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शाम 4 बजे तक AQI का स्तर 103 दर्ज किया गया।
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किन इलाकों में बेहद खराब रहा पॉल्यूशन?
मुबंई में कई जगहों पर हवा की गुणवत्ता बेहद खराब पाई गई है। इनमें मझगांव, देवनार, मलाड, बोरीवली ईस्ट, चकाला अंधेरी ईस्ट, नेवी नगर, पवई और मुलुंड जैसे इलाके शामिल हैं। खास तौर पर, इन इलाकों में नवंबर में लगातार 'खराब' एयर क्वालिटी रिकॉर्ड की गई है, और जो 'बहुत खराब' एयर क्वालिटी (301-400 के बीच AQI) तक गिर गई है।
किस पर छूट, कहां लागू है पाबंदी?
- सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में कंस्ट्रक्शन और धूल पैदा करने वाली गतिविधियां रोकनी होंगी। जैसे सड़क की सफाई और धूल कंट्रोल के उपाय उन इलाकों में लागू किए जाएंगे जहां AQI लेवल खराब रहा है। इनमें बोरीवली ईस्ट, मलाड वेस्ट, अंधेरी ईस्ट में चकला, देवनार, मझगांव, नेवी नगर, मुलुंड वेस्ट और पवई शामिल हैं।
- जिन छोटे उद्योगों की वजह से पॉल्यूशन लेवल बढ़ रहा है, उन पर नियम तोड़ने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
- बेकरी मालिकों को अपनी चिमनियां तोड़ने के लिए कहा गया है और अंधेरी ईस्ट के चकला में मार्बल कटिंग यूनिट्स को साफ-सुथरे तरीके अपनाने के लिए कहा गया है।
- 10वीं और 12वीं के स्कूलों को छोड़कर सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
- सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम के निर्देश दे दिए गए हैं।
- ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर भी रोक लगा दी गई है।
फ्लाइंग स्क्वॉड मुबंई पर नजर रखेंगे
एक सिविक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि BMC के तैनात 95 फ्लाइंग स्क्वॉड ने पूरे मुंबई में 70 कंस्ट्रक्शन साइट्स का इंस्पेक्शन किया। उन्होंने उनमें से 53 पर 26 नवंबर तक काम रोकने का नोटिस जारी किया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि ये स्थान BMC के तय 28-पॉइंट गाइडलाइंस का पालन करने में नाकाम रहीं। ये अधिकारी फ्लाइंग स्क्वॉड पॉल्यूशन एमिशन पर नजर रखना जारी रखेंगे।
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इसके अलावा, BMC के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के 450 जूनियर सुपरवाइजर्स को जुर्माना लगाने का अधिकार दिया गया है। अधिकारी ने कहा कि सड़कों पर मलबा डालते हुए पकड़े जाने वाले किसी भी व्यक्ति को भारी जुर्माना भरना होगा। जूनियर सुपरवाइजर्स प्लास्टिक और कचरा जलाने जैसी प्रदूषण फैलाने वाली एक्टिविटीज पर भी नजर रखेंगे।
मुंबई प्रदूषण पर बॉम्बे हाई कोर्ट
पिछले हफ्ते, बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के इस दावे को मानने से इनकार कर दिया कि इथियोपिया में हाल ही में हुए ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से शहर की हवा की क्वालिटी खराब हो रही है। जजों ने कहा, 'इस विस्फोट से पहले भी, अगर कोई बाहर निकलता था, तो 500 मीटर से आगे विजिबिलिटी बहुत कम थी।' कोर्ट ने बाद में कंस्ट्रक्शन साइट्स का इंस्पेक्शन करने के लिए एक पांच सदस्यीय टीम के गठन का निर्देश दिया। इनका काम यह वेरिफाई करना है कि कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स प्रदूषण कंट्रोल के तरीकों का पालन कर रहे हैं या नहीं।