उत्तर प्रदेश में ताला नगरी से मशहूर अलीगढ़ से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां से यूपी पुलिस में कार्यरत 36 साल के इंस्पेक्टर लगभग चार महीने से लापता हैं, लेकिन अभी तक उनका कोई अता-पता नहीं है। लापता पुलिस इंस्पेक्टर की बुजुर्ग मां अपने बेटे का पता लगाने के लिए दर-दर भटक रही है। बेटे की गुमशुदगी से परेशान 66 साल की सुशीला देवी ने कहीं से जवाब नहीं मिलने पर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका डालकर न्याय की गुहार लगाई है।
उन्होंने बताया कि उनके बेटे और बहू के बीच झगड़ा हुआ था, जिसके बाद अलीगढ़ पुलिस ने उसे उठा लिया था। जब से पुलिस ने बेटे के उठाया है, तब से ही उसका पता नहीं चल रहा। अब सुशीला देवी की उम्मीदें कोर्ट पर टिकी हैं। हाई कोर्ट ने बुधवार को सुशीला देवी की हेबियस कॉर्पस पिटीशन पर सुनवाई की।
यह भी पढ़ें: अरुणाचल प्रदेश में मजदूरों से भरी गाड़ी खाई में गिरी, कई लोगों के मरने की आशंका
मां की जुबानी क्या है?
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक पीड़ित मां सुशीला ने बताया कि वह बेटे की तलाश में दर-दर भटकते और भागते हुए थक गई हैं। उन्होंने बताया, 'मैं अलीगढ़ में सीनियर पुलिस अधिकारियों से मिली, लेकिन किसी ने मुझे कुछ नहीं बताया। कोई पुलिस अधिकारी 3 महीने तक लापता कैसे रह सकता है? मुझे अपने बेटे को ढूंढने के लिए हाई कोर्ट से मदद क्यों लेनी पड़ रही है? लापता मामले की जनरल डायरी (GD) एंट्री 18 अक्टूबर को रात 8:26 बजे की गई थी, यानी हमारे हाई कोर्ट जाने के तीन दिन बाद। पुलिस एक महीने तक क्या कर रही थी।'
यह भी पढ़ें: 8 साल पुराने मामले में आजम खान को मिली बड़ी राहत, इस केस में कोर्ट ने किया बरी
'मेरा बेटा जिंदा है या नहीं'
पीड़ित मां ने बताया, 'मुझे तो यह भी पक्का नहीं है कि मेरा बेटा जिंदा है या नहीं। हर दिन, मैं उसके सुरक्षित लौटने के लिए प्रार्थना करता हूं। पुलिस दावा करती है कि मेरे बेटे का अपनी पत्नी से झगड़ा हुआ था। तो क्या? क्या इसका मतलब है कि वे उसे नहीं ढूंढेंगे? मुझे उम्मीद है कि हाई कोर्ट मेरे बेटे को ढूंढने में मदद करेगा।"
पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि लापता इंस्पेक्टर 19 सितंबर को सीनियर्स के साथ बदतमीजी करने के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। पुलिस ने बताया है कि इसके बारे में परिवार को इस घटा के बारे में बताया गया था। हालांकि, टीओआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 8 दिसंबर को, रेलवे ट्रैक के पास एक अज्ञात शख्स का क्षत-विक्षत शरीर मिला था। पुलिस ने दावा किया है कि शुरुआती जांच से संकेत मिला है कि यह लापता इंस्पेक्टर की डेड बॉडी है।
सामने आया गड़बड़झाला
रिपोर्ट में आए दस्तावेजों से पता चला कि 18 अक्टूबर को फाइल की गई GD एंट्री को 12 नवंबर को एफआईआर में बदला गया है। जबकि, 12 नवंबर तक हाई कोर्ट ने हेबियस कॉर्पस पिटीशन की दो सुनवाई पूरी कर ली थीं। 12 नवंबर तक हाई कोर्ट ने अलीगढ़ के SSP सहित संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिए थे।
बता दें कि एफआईआर अलीगढ़ के महुआ खेड़ा पुलिस स्टेशन में BNS सेक्शन 140 (3) (किडनैपिंग) के तहत दर्ज की गई है। इसकी जांच 13 नवंबर को हाथरस के सिकंदराराऊ सर्कल के डीएसपी जे एन अस्थाना को सौंपी गई थी।