हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन पर तीखा प्रहार करते हुए बिहार में वोटर सत्यापन को लेकर सवाल उठाए। विज ने कहा कि बिहार में वोटों का सत्यापन हो रहा है, लेकिन कुछ 'फर्जी पार्टियां और फर्जी नेता फर्जी वोटरों की पहरेदारी कर रहे हैं।' यह बयान उन्होंने मीडिया कर्मियों के उस सवाल के जवाब में दिया, जिसमें राहुल गांधी के बयान का जिक्र था कि 'महाराष्ट्र की तरह हम बिहार में धांधलियां नहीं होने देंगे।'
विज ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस और उनके सहयोगी दल चुनाव के बाद फर्जी वोटरों को लिस्ट से हटाने की बात करते हैं, लेकिन जब वोटर वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू होती है, तो उन्हें 'पेट में दर्द' होने लगता है। उन्होंने कहा, 'इन्हें तो सरकार की इस पहल की सराहना करनी चाहिए, लेकिन ये इसका विरोध कर रहे हैं।' विज ने सवाल उठाया कि अगर वोटर लिस्ट को पारदर्शी बनाने की प्रक्रिया चल रही है, तो इसमें बाधा क्यों डाली जा रही है?
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इंडिया गठबंध पर साधा निशाना
इसके साथ ही, विज ने इंडिया गठबंधन के आंतरिक मतभेदों पर भी निशाना साधा। बिहार में राहुल गांधी की वैन में पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को शामिल न किए जाने की घटना पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, 'यह उनका निजी मामला है, लेकिन शायद इंडिया गठबंधन पप्पू यादव को इस काबिल नहीं मानता कि वे उनके साथ बैठ सकें। पहले तो वे उनके साथी थे, अब क्या हुआ?' विज का यह बयान गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठाता है और उनके बीच आपसी अविश्वास को उजागर करता है।
विज ने एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी अपनी राय रखी। बिहार में प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के कार्यकर्ताओं द्वारा एक एम्बुलेंस को रास्ता न देने और मरीज के परिजनों के साथ बदसलूकी की घटना पर उन्होंने कड़ा रुख अपनाया।
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राष्ट्रीय नीति बनाने की जरूरत
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं अस्वीकार्य हैं और इसके लिए एक राष्ट्रीय नीति बननी चाहिए। इस नीति के तहत प्रदर्शन या जुलूस के दौरान आवश्यक वाहनों, जैसे एम्बुलेंस, को रास्ता देना अनिवार्य होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा, 'चाहे कोई भी प्रदर्शन हो, मरीजों को समय पर उपचार मिलना चाहिए। इसके लिए रास्ता सुनिश्चित करना जरूरी है।'