देशभर में कांवड़ यात्रा चल रही है। इस बीच कांवड़ियों के द्वारा गाड़ियों और होटलों में तोड़फोड़ और कई लोगों के साथ मारपीट की खबरें सामने आई हैं। उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को हॉकी स्टिक, त्रिशूल और इसी तरह की अन्य खतरनाक चीजें ले जाने के लिए प्रशासन ने मना किया है। इसके साथ ही प्रशासन ने ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए यात्रा मार्गों पर बिना साइलेंसर वाली बाइकों के इस्तेमाल पर भी बैन लगा दिया है।
कांवड़ यात्रा मार्गों पर तोड़फोड़ और हमले की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कथित तौर पर कहा है कि हथियारों का प्रदर्शन, चाहे प्रतीकात्मक ही क्यों न हो, बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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इन जिलों में रहेगा बैन
राज्य सरकार ने यह कदम कांवड़ यात्रा मार्गों पर तोड़फोड़ और हमले की बढ़ती घटनाओं को लेकर उठाया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हथियारों का प्रदर्शन, चाहे प्रतीकात्मक ही क्यों न हो, बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। टाइम्स ऑफ इंडिया ने एडीजी (मेरठ जोन) भानु भास्कर के हवाले से कहा, 'सरकार ने इस पर रोक लगाने के स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। हम इनका सख्ती से पालन कर रहे हैं और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही हैं।'
जारी किए गए नए आदेश मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बुलंदशहर और हापुड़ जिलों में कांवड़ यात्रा मार्गों पर लागू होंगे।
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कांवड़ यात्रा मार्गों पर हिंसा
बता दें कि पिछले एक हफ्ते में कांवड़ यात्रा मार्गों पर तोड़फोड़ और हिंसा की काफी घटनाएं सामने आई हैं। हाल ही में, मिर्जापुर रेलवे स्टेशन पर एक सीआरपीएफ जवान पर कावड़ियों ने एक साथ हमला कर दिया था। जवान पर हमला करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले में पुलिस ने सात कांवड़ियों को गिरफ़्तार किया था।
वायरल वीडियो में कावड़ियों ने जवान को जमीन पर गिराकर लात-घूंसे बरसाए। इससे पहले, कानपुर में कांवड़ यात्रा के दौरान हुए हंगामे के बाद कांवड़ियों ने एक होमगार्ड, एक सुरक्षा गार्ड और एक छात्र स्वयंसेवक पर हमला किया था। इस मामले में भी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को गिरफ़्तार किया।
वहीं, कुछ दिन पहले, मेरठ में कांवड़ियों के एक समूह ने कथित तौर पर एक बस से टक्कर लगने के बाद बस के शीशे तोड़ दिए थे और चालक की पिटाई की थी।