उत्तर प्रदेश के बरेली में 'आई लव मुहम्मद' कैंपेन के बाद हुई हिंसा को लेकर पुलिस और प्रशासन सख्त कदम उठा रहा है। पुलिस ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा को हिंसा का 'मुख्य साजिशकर्ता' बताया है। पिछले शुक्रवार को नमाज के बाद कुछ लोगों ने 'आई लव मुहम्मद' के पोस्टर लेकर भीड़ जुटाई थी, जिसके बाद पथराव और गोलीबारी की घटना हुई, हिंसा भड़क गई।
पुलिस ने झड़प को कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बताया और कार्रवाई शुरू की। बरेली रेंज के डीआईजी अजय कुमार साहनी ने कहा कि पोस्टर कोई मुद्दा नहीं थे, लेकिन भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद कार्रवाई जरूरी हो गई।
यह भी पढ़ें: पार्टी बनाई, फतवे दिए; तौकीर रजा, जिन पर लोगों को उकसाने का आरोप लगा
बरेली हिंसा के बाद क्या-क्या हुआ?
- पुलिस ने 10 एफआईआर दर्ज की है
- 2,800 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है
- 83 लोग गिरफ्तार किए गए हैं
- मौलाना तौकीर के करीबियों पर ऐक्शन हो रहा है
शनिवार को बरेली डेवलपमेंट अथॉरिटी ने जैखीरा इलाके में रजा पैलेस बैंक्वेट हॉल को ध्वस्त कर दिया। यह संपत्ति डॉ. नफीस की थी। नफीस और उनके बेटे फरहान को हिंसा के मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। बीडीए ने कहा कि यह अवैध निर्माण था और इसे ध्वस्त करना नियमित कार्रवाई का हिस्सा है।
यह भी पढ़ें: मौलाना तौकीर के सहयोगियों पर बुलडोजर की कार्रवाई शुरू, ढहा दिए मकान
विपक्ष क्या कह रहा है?
विपक्षी समाजवादी पार्टी और सत्तारूढ़ बीजेपी के बीच इस मुद्दे पर तीखी बयानबाजी चल रही है। समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडे की अगुवाई में एक 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बरेली जाना चाहता था, लेकिन पुलिस ने उन्हें लखनऊ में उनके घर से निकलने से रोक दिया।
माता प्रसाद पांडे ने कहा कि सरकार विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है। वहीं, बीजेपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा पर 'मुस्लिम तुष्टिकरण' का आरोप लगाया और कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था उनकी सरकार की उपलब्धि है।
अब कैसे हैं बरेली के हालात?
पुलिस ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है और 13 सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने कहा है कि कोई भी अपने घर या मस्जिद में 'आई लव मुहम्मद' के पोस्टर लगा सकता है, लेकिन सड़कों पर मार्च या हंगामा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।