संजय सिंह,पटना। पुलिस महकमे ने शराब की तस्करी से अवैध संपत्ति बनाने वाले अपराधियों पर नकेल कसने के लिए कवायद शुरू कर दी है। सभी शराब तस्करों की अवैध संपत्ति जब्त की जाएगी। शराब के अवैध कारोबार में शामिल सूबे के 240 अपराधियों को चिन्हित किया गया है। इसमें 76 अपराधियों की संपत्ति जब्त करने से संबंधित प्रस्ताव कोर्ट में समर्पित कर दिया गया है।
कोर्ट से अनुमति मिलने के साथ ही इनकी संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस मामले को लेकर एडीजी (मद्य निषेध इकाई) अमित कुमार जैन ने बताया कि सभी अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव कोर्ट में प्रस्तुत किया जा रहा है। 76 अपराधियों के बाद शेष अपराधियों से संबंधित प्रस्ताव भी जल्द भेजा जाएगा।
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संपत्ति जमा करने के क्या हैं प्रावधान?
इस लिस्ट में बिहार के शराब माफिया और तस्करों की संख्या सबसे ज्यादा है लेकिन इसमें दूसरे राज्यों के तस्करों के भी नाम शामिल हैं। देश में नए कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के लागू होने के बाद अपराध की बदौलत अवैध संपत्ति जमा करने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ ही अवैध संपत्ति जब्त करने का भी प्रावधान है। बीएनएस की धारा-107 के तहत अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त करने का विशेष प्रावधान दिया गया है। इसके मद्देनजर इस मुहिम को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
बिहार में कब से शराबबंदी?
बाहिर में पूर्ण शराबबंदी कानून 5 अप्रैल 2016 से लागू है। इस साल जनवरी से अगस्त तक इस कानून का उल्लंघन कर अवैध शराब की तस्करी, आपूर्तिकर्ता, वितरणकर्ता समेत अन्य कांड के आरोप में 29 हजार 903 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस वर्ष राज्य के बाहर के 854 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। इसमें कई तस्करों की अवैध संपत्ति का पूरा विवरण तैयार किया जा रहा है, जिसके बाद इनकी संपत्ति जब्ती से संबंधित कार्रवाई की जाएगी।
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305 वांटेड अभियुक्त चिह्नित
इसके आलावा राज्य में मद्यनिषेध कांडों में अन्य राज्य से गिरफ्तारी के लिए 305 वांटेड अभियुक्तों को भी चिन्हित किया गया है। इसकी लिस्ट संबंधित राज्यों को भेज दी गई है। ताकि इस पर कार्रवाई की जा सके। सितंबर महीने में इसमें 5 अभियुक्तों की गिरफ्तारी मद्यनिषेध की टीम ने की है। शेष के गिरफ्तारी की प्रक्रिया चल रही है।
बिहार में शराब की तस्करी सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और अरूणाचल प्रदेश से होती है। इन राज्यों के डीजीपी और उत्पाद आयुक्त को उचित कार्रवाई करने के लिए पत्र भी लिखा गया है।