बीते कुछ महीनों में बिहार की राजधानी पटना में कई आपराधिक घटनाएं हुई हैं। कभी अस्पताल में दिन-दहाड़े गोली मारी गई तो कभी मंत्री के बाहर ही गोली चली। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ऐसी आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए बिहार पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत ऐसे ठिकानों की तलाश की जा रही है, जहां अवैध हथियार बनाए जाते हैं। पिछले एक महीने में पुलिस और STF ने अपने संयुक्त अभियानों में पांच अवैध गन फैक्ट्रियां पकड़ी हैं और 16 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
पकड़े गए लोगों पर आरोप है कि ये लोग न सिर्फ अवैध रूप से हथियार बनाते हैं बल्कि उसकी बिक्री भी करते हैं। इन्हीं लोगों के खिलाफ चलाए गए अभियान में पुलिस ने जुलाई के महीने में मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। बताते चलें कि राज्य में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस प्रशासन काफी सख्त हो गया है। अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करने के साथ ही अवैध तरीके से हथियार की खरीद बिक्री पर करने वालों के खिलाफ बिहार पुलिस और एसटीएफ की टीम संयुक्त रूप से छापेमारी कर रही है।
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कहां-कहां पकड़ी गईं फैक्ट्रियां?
आंकड़ों की माने तो एसटीएफ और बिहार पुलिस की टीम ने 28 जुलाई 2025 तक भागलपुर जिले के रतिपुर दियारा नाथनगर, मधुबनी जिले के खजौली थाना इलाके के इनरवा गांव, हाजीपुर, मुंगेर जिले के नयाराम नगर में छापेमारी करके पांच मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया है। पुलिस टीम ने छापेमारी के दौरान 16 हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि पुलिस से बचने के लिए भागलपुर मुंगेर के बीच दियारा इलाके में अवैध तरीके से मिनी गन फैक्ट्री संचालित की जा रही थी। इसके साथ ही विभिन्न जिलों की पुलिस टीम भी अवैध तरीके से हथियार की सप्लाई करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है।
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एसटीएफ की आर्म्स सेल भी लगातार कार्रवाई करने में जुटी हुई है। बिहार पुलिस लोगों से सहयोग करने की अपील की है ताकि अवैध तरीके से होने वाले हथियारों की तस्करी पर रोक लग सके। बता दें कि बिहार के मुंगेर, लखीसराय, खगड़िया, भागलपुर और बेगूसराय जिले के दियारा इलाके में असामाजिक तत्व अपनी शरण स्थली बनाते हैं और वहीं से अवैध हथियारों का धंधा करते हैं। ये हथियार लोगों तक कम कीमत तक पहुंचते हैं और छोटी से लेकर बड़ी आपराधिक घटनाओं में इनका इस्तेमाल किया जाता है।