राहुल गांधी ने चुनाव में वोट चोरी का मुद्दा छेड़ रखा है और बिहार में एसआईआर का मुद्दा चल रहा है। ऐसे में बिहार में आए दिन किसी न किसी जानवर के नाम से फेक एप्लीकेशन की खबरें आती रहती हैं। अब बिहार के रोहतास जिले में कैट के नाम से निवास प्रमाण पत्र बनाने का आवेदन मिला है। किसी व्यक्ति ने कैट कुमार के नाम से आवेदन भेजा है जिसके पिता का नाम कैटी बॉस और माता का नाम कैटिया देवी मेशन किया गया है। इसमें फोन नंबर और ईमेल एड्रेस के साथ कैट यानी कि बिल्ली की फोटो भी लगाई गई है.
इस घटना के बाद रोहतास की डीएम उदिता सिंह ने नासरीगंज के रेवेन्यू ऑफिसर कुशल पटेल ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 132/61(b)/318(4) के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। राज्य के निवासियों को बिहार राइट टू पब्लिक सर्विस (आरटीपीएस) ऐक्ट के अंतर्गत ऑनलाइन एप्लीकेशन फाइल करने का अधिकार है और इसके तहत सब्मिट किए गए हर एप्लीकेशन को संबंधित अधिकारी द्वारा वेरिफाइ करके सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।
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FIR का आदेश
एफआईआर में 27 जुलाई को आवेदन किए गए अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसमें कहा गया है, 'इस कृत्य से आधिकारिक कार्य को करने में रुकावट हुई है और सरकार की छवि को खराब करने की कोशिश की गई है। जिस व्यक्ति का नाम और उसके माता-पिता का जो नाम दिया गया है वह अपने आप में ही मजाक लग रहा है। इससे जाहिर है कि संबंधित व्यक्ति ने गलत फोटो और डीटेल देकर सरकार की कार्यप्रणाली का मजाक बनाने की कोशिश की है।'
लेकिन यह पहली बार नहीं है जब ऐसा हुआ हो ऐसा पहले भी हो चुका है।
डॉग बाबू
कुछ हफ्ते पहले डॉग बाबू के नाम से पटना में एक एप्लीकेशन डाला गया था और उसे निवास प्रमाण पत्र जारी भी कर दिया गया था। यह निवास प्रमाण पत्र मसौढ़ी सर्किल में जारी किया गया था। उसके पिता का नाम कुत्ता बाबू और मां का नाम कुतिया देवी रखा गया था। इसकी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई थी। जब मामले ने तूल पकड़ा तो इस पर एफआईआर दर्ज कर दिया गया था.
डॉगेश बाबू
डॉग बाबू के बाद डॉगेश बाबू ने भी 29 जुलाई को बिहार के नवादा जिले में ऐसा ही आवेदन दिया था। उस आवेदन में डॉगेश बाबू के पिता का नाम डॉगेश के पापा और माता का नाम डॉगेश की मम्मी दिखाया गया था।
डोनाल्ड ट्रंप
ऐसा ही एक वाक्या समस्तीपुर में डोनाल्ड ट्रंप के नाम से देखने को मिला जहां पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम से आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन किया गया था। बाद में इसकी जांच प्रशासन द्वारा की गई तो पता चला कि किसी ने आवेदन पत्र में नाम और पते के साथ छेड़छाड़ की थी। इसके बाद इस आवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया। इस मामले में भी आरओ ने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी जिसमें अज्ञात लोगों पर प्रशासनिक कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप था।
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सोनालिका ट्रैक्टर
इसके अलावा सदर अंचल मुंगेर कार्यालय से सोनालिका ट्रैक्टर के नाम से भी निवास प्रमाण पत्र बनवाने की अर्जी दी गई थी। इस मामले में भी राजस्व अधिकारी प्रभात कुमार ने एफआईआर दर्ज कराया था। इसमें भी मोबाइल नंबर का जिक्र किया गया था। पुलिस इस मामले में भी जांच कर रही है।