चंडीगढ़ के डीजीपी डॉ. सागर प्रीत हुड्डा ने आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार सुसाइड केस की जांच के लिए 6 सदस्यीय SIT का गठन किया है। इस 6 सदस्यीय एसआईटी की अध्यक्षता आईजीपी चंडीगढ़ पुष्पेंद्र कुमार करेंगे। इससे पहले पूरन कुमार के सुसाइड केस में पुलिस ने FIR दर्ज की थी। एफआईआर उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार की शिकायत पर दर्ज की गई है।
एसआईटी समिति के सदस्यों में पुष्पेंद्र कुमार के अलावा चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर, चंडीगढ़ की सीनियर आईपीएस अधिकारी और एसपी/सिटी केएम प्रियंका, सीपीएस, डीएसपी/ट्रैफिक चरणजीत सिंह विर्क, सीपीएस, एसडीपीओ/दक्षिण गुरजीत कौर और चंडीगढ़ पश्चिम के इंस्पेक्टर जयवीर सिंह राणा को शामिल किया गया है।
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एडिशनल चीफ सेक्रेटरी का आया बयान
वहीं, हरियाणा सरकार के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डी. सुरेश कुमार ने एक बयान देकर कहा, 'हमने निष्पक्ष और त्वरित जांच तथा डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी रोहतक की तत्काल गिरफ्तारी का अनुरोध किया है।'
बता दें कि हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया समेत 10 अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया है कि वाई. पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में जिन अफसरों के नाम थे, उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। चंडीगढ़ पुलिस ने सेक्टर-11 थाने में यह एफआईआर दर्ज हुई है।
कांग्रेस सांसद ने राज्यपाल से मुलाकात की
इस बीच कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी ने शुक्रवार को पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात करके पूरण कुमार की आत्महत्या के मामले की न्यायिक जांच की मांग की। अंबाला के सांसद वरुण चौधरी ने पंजाब के विधायक अमित रतन के साथ लुधियाना में राज्यपाल कटारिया से मुलाकात की और वरिष्ठ पुलिसकर्मियों द्वारा आईपीएस अधिकारी के साथ कथित जातिगत भेदभाव पर विरोध जताया।
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अमित रतन बठिंडा ग्रामीण विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं और दिवंगत आईपीएस अधिकारी की पत्नी अमनीत पी कुमार के छोटे भाई हैं। कटारिया को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस नेता ने आईपीएस अधिकारी द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट का जिक्र किया है। पूरण कुमार ने मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी।
सुसाइड नोट में सीनियर अधिकारियों के नाम
सूत्रों के अनुसार आईपीएस अधिकारी के सुसाइड नोट में सीनियर अधिकारियों के नाम हैं और पिछले कुछ वर्षों में उनके साथ हुए कथित मानसिक उत्पीड़न और जातिगत भेदभाव समेत अपमान की जानकारी भी शामिल है। सांसद वरुण चौधरी ने हाई कोर्ट के एक मौजूदा जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच की मांग करते हुए राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में लिखा है।
इसमें कहा गया है, 'एक आईपीएस अधिकारी द्वारा आत्महत्या के बारे में जानकर पूरा देश सदमे में है और इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि इस कदम का कारण हरियाणा राज्य के शीर्ष अधिकारियों द्वारा किया गया जाति-आधारित भेदभाव है।' उन्होंने आरोप लगाया, 'बाबा साहेब डॉ. भीम राव आंबेडकर जी द्वारा देखा गया अत्याचार मुक्त भारत का सपना अभी भी अधूरा है, जैसा कि आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार द्वारा झेले गए अत्याचारों के कारण उठाए गए आत्महत्या के इस कदम से उजागर होता है।'