दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि दिल्ली में दिवाली के दौरान ग्रीन पटाखों की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि पटाखों के बिना दिवाली अधूरी सी लगती है। यह अपील बुधवार को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले की गई है।
रेखा गुप्ता ने कहा, 'दिवाली खुशियों का त्योहार है। बिना पटाखों के यह अधूरा लगता है। हम चाहते हैं कि दिल्ली में कम से कम ग्रीन पटाखों की इजाजत मिले।' उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट में लिखित अनुरोध दाखिल करेगी, जिसमें ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति मांगी जाएगी। साथ ही, प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन करने का आश्वासन भी दिया गया है।
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मुख्यमंत्री ने कहा, 'दिवाली भारतीय संस्कृति का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। दिल्ली के लाखों लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए हमने सुप्रीम कोर्ट से ग्रीन पटाखों की अनुमति मांगी है।' उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएगी और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करेगी।
क्या हैं ग्रीन पटाखे?
रेखा गुप्ता ने बताया कि केवल वही पटाखे इस्तेमाल किए जाएंगे, जिन्हें नेशनल एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) और पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (PESO) ने प्रमाणित किया हो। ये पटाखे कम प्रदूषण फैलाते हैं और हवा में ज्यादा धुआं फैलने से रोकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों के निर्माण की अनुमति दी थी, लेकिन एनसीआर में उनकी बिक्री पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध 'व्यावहारिक नहीं' हो सकता है और इसकी सख्ती से लागू करना भी मुश्किल है। कोर्ट ने सभी पक्षों से बातचीत कर एक नया प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।
पहले क्या थी स्थिति
पहले आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने दिल्ली में सभी तरह के पटाखों, यहां तक कि ग्रीन पटाखों पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। यह फैसला सर्दियों में प्रदूषण कम करने की रणनीति का हिस्सा था। उस समय बीजेपी ने AAP पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था और पर्यावरण के अनुकूल पटाखों की अनुमति देने की मांग की थी।
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अब बीजेपी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने ग्रीन पटाखों को बढ़ावा देकर सांस्कृतिक उत्सव और पर्यावरण की जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है। दिल्ली में दिवाली को हर्षोल्लास के साथ मनाने की उम्मीद के साथ अब सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी है।