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ड्राइवर ने दे दी जान, सुसाइड नोट में लिखा BJP सांसद के. सुधाकर का नाम

कर्नाटक सरकार के पूर्व मंत्री और मौजूदा बीजेपी सांसद के सुधाकर का नाम एक ड्राइवर की आत्महत्या के मामले में आया है। इस शख्स ने एक दिन पहले जान दे दी।

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बीजेपी सांसद के सुधाकर, Photo Credit: BJP

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद के सुधाकर एक ड्राइवर की आत्महत्या के मामले में फंसते नजर आ रहे हैं। कर्नाटक की चिकबल्लापुर जिला पंचायत के दफ्तर में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले इस ड्राइवर ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने से पहले उसने 4 पेज का एक सुसाइड नोट भी लिखा है। इस नोट में बीजेपी के सांसद के सुधाकर के अलावा और दो और लोगों का नाम लिखा है। इस शख्स ने अपनी मौत के लिए इन लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले पर के सुधाकर का कहना है कि वह इस शख्स से कभी मिले ही नहीं हैं और न ही उसे जानते हैं। उनका कहना है कि उन्हें फंसाने के लिए यह एक राजनीतिक साजिश की जा रही है।

 

मृतक की पहचान चिकबल्लापुर निवासी 31 वर्षीय एन बाबू के रूप में हुई है। गुरुवार को एन बाबू का शव जिला पंचायत के ऑफिस में ही मिला। पुलिस के मुताबिक, एन बाबू ने सांसद के सुधाकर के अलावा जिला पंचायत के सेकेंड डिवीजन असिस्टेंट मंजूनाथ और एक अन्य शख्स नागेश का नाम अपने सुसाइड नोट में लिखा गया है। यह सुसाइड नोट एन बाबू की कार से बरामद हुआ है।

 

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इस सुसाइड नोट में एन बाबू ने लिखा है कि नागेश ने उनसे 40 लाख रुपये लिए थे और वादा किया था कि के सुधाकर की मदद से वह उसे सरकारी नौकरी दिला देगा। नोट के मुताबिक, यह सब 2021 में तब हुआ जब के सुधाकर कर्नाटक की बीजेपी सरकार में स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन मंत्री हुआ करते थे। इतने पैसे देने के लिए एन बाबू ने 25 लाख रुपये का लोन लिया थे। बाद में एन बाबू ने नागेश से कई बार अपने पैसे मांगे लेकिन नागेश ने पैसे नहीं लौटाए।

क्या बोले सुधाकर?

 

एन बाबू के बारे में सांसद सुधाकर का कहना है, 'मैं नहीं जानता कि एन बाबू और मंजूनाथ कौन हैं। नागेश के रिश्तेदार कृष्णमूर्ति हमारी पार्टी में हैं और मैं उनको जानता हू। एक राजनीतिक साजिश के चलते मेरा नाम इस केस में खींचा जा रहा है। मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।'

 

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इस घटना के बारे में चिकबल्लापुर के एसपी कुशल चौकसी का कहना है, 'एन बाबू 7-8 साल से एक ड्राइवर के तौर पर काम कर रहे थे। वह जिला पंचायत के दफ्तर में चीफ अकाउंट ऑफिसर के ड्राइवर के तौर पर तैनात थे। बुधवार को यह कहकर घर से निकले थे कि अकाउंट ऑफिसर की जिला पंचायत ऑफिस में मीटिंग है। उन्होंने बाहर अपनी कार खड़ी की और आत्महत्या की। उन्होंने कई लोगों के नाम लिखे हैं, हम इसकी जांच कर रहे हैं।'

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