हरियाणा में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के तहत गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों पर सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने 5 जिलों – कुरुक्षेत्र, जींद, भिवानी, कैथल और महेंद्रगढ़ में कुछ अस्पतालों की योजना में भागीदारी (एम्पैनलमेंट) खत्म कर दी है। इनमें से दो अस्पतालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई है। साथ ही अस्पतालों पर कुल 62.94 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने इन अस्पतालों की अपीलों को खारिज कर दिया और उन्हें योजना के पैनल से बाहर कर दिया गया है।
यहां पढ़िए किस हॉस्पिटल ने क्या की गड़बड़ी?
भिवानी: मलिक मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर
इस अस्पताल को पीएम-जय (PMJAY) योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया था लेकिन जांच में अनियमितताएं पाए जाने पर हरियाणा स्टेट हॉस्पिटल अथॉरिटी (HSHA) ने अस्पताल को सात कारण बताओ नोटिस जारी किए। अस्पताल प्रबंधन ने इनमें से केवल दो नोटिस का जवाब दिया, जिसके चलते अथॉरिटी ने उस पर 81,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
जांच में पता चला कि अस्पताल ने एक ही मामले में तीन तरह की गड़बड़ी की- अप-कोडिंग, अन-बंडलिंग और गैर-जरूरी प्रक्रिया। अस्पताल ने एक्सेलरेटेड हाइपरटेंशन का पैकेज बुक कर मरीज को एचडीयू (HDU) में भर्ती तो किया लेकिन मरीज के अंगों को नुकसान होने का कोई प्रमाण नहीं दिया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के दिशानिर्देशों के अनुसार सक्षम अधिकारी की मंजूरी के बाद अस्पताल को योजना के पैनल से हटा दिया गया।
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सिद्धार्थ हॉस्पिटल, कुरुक्षेत्र
एसएचए हरियाणा की तरफ से एसएएफयू डेस्क ऑडिट टीम ने सिद्धार्थ अस्पताल के 56 संदिग्ध मामलों की जांच की। यह जांच एनएचए के तय मानकों के आधार पर की गई। जांच में वित्तीय अनियमितताएं पाए जाने पर अस्पताल को नोटिस भेजा गया और 2,40,120 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) सुधीर राजपाल, जो अपील अधिकारी भी हैं, ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने और जांचने के बाद अस्पताल की दलीलों को खारिज कर दिया। इसके बाद अस्पताल को पैनल से हटा दिया गया।
विजय हॉस्पिटल, महेंद्रगढ़
SHA हरियाणा के रिकॉर्ड के अनुसार, विजय अस्पताल, महेंद्रगढ़ पर अब तक 285 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। इन मामलों में अस्पताल को 12 कारण बताओ नोटिस दिए गए और दो बार जुर्माना लगाया गया – एक बार 4.5 लाख और दूसरी बार 43.56 लाख रुपये का। गंभीर गड़बड़ियों को देखते हुए अस्पताल और इसके प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और EHCP रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की गई। सुनवाई के बाद एसीएस सुधीर राजपाल ने अस्पताल को पैनल से हटा दिया।
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सिग्नस सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, कैथल
सिग्नस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, कैथल (हरियाणा) को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के तहत सूचीबद्ध किया गया था। लेकिन हाल ही में अस्पताल पर 6 फर्जी क्लेम (दावों) के मामले सामने आए, जिसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया और ₹6,02,450 का जुर्माना लगाया गया।
इन 6 मामलों में से 3 एक जैसी गलती से जुड़े थे — यानी मरीजों को जो इलाज दिया ही नहीं गया, उसके लिए बिल बना दिया गया। एनएचए के नियमों के अनुसार, अगर एक जैसी गलती तीन बार होती है, तो अस्पताल को योजना से बाहर कर दिया जाता है। इसी वजह से अस्पताल को पैनल से हटा दिया गया।
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श्री ज्ञानी राम मेमोरियल चैरिटेबल अस्पताल, जींद
श्री ज्ञानी राम मेमोरियल चैरिटेबल अस्पताल के चार संदिग्ध मामलों की जांच रिपोर्ट फ्लाइंग स्क्वायड और जिला कार्यान्वयन इकाई (DIU) जींद द्वारा दी गई थी। रिपोर्ट की गहराई से जांच के बाद और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के नियमों के अनुसार, अस्पताल को कारण बताओ नोटिस भेजा गया।
जांच में गड़बड़ी पाई जाने पर अस्पताल पर 5,64,300 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया, जिसे सक्षम अधिकारी की मंजूरी के बाद जारी किया गया। सिविल सर्जन जींद के माध्यम से अस्पताल को ब्लैकलिस्ट करने, एफआईआर दर्ज करने और नामजद करने के लिए भी पत्र जारी किया गया है। गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए अस्पताल को अब सरकारी योजना के पैनल से बाहर कर दिया गया है।