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HSSC में ग्रुप C-D के लिए नहीं बन पाए भर्ती नियम, HC ने जताई नाराजगी

हरियाणा सरकार ग्रुप सी और डी की भर्तियों के लिए नए नियम बनाने वाली है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने भर्ती नियम बनाने के निर्देश दिए थे। ये नियम हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग भर्ती प्रक्रिया नियम 2025 के नाम से जाने जाएंगे।

Nayab Saini

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी। (Photo Credit: PTI)

हरियाणा में ग्रुप सी और डी की भर्तियों के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के आयोजन के लिए हरियाणा सरकार सीधी भर्ती नियमों पर मंथन कर रही है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने भर्ती नियम तय करने के आदेश दिए थे। नई सीईटी से पहले इन नियमों को मंजूरी के बाद अधिसूचित किया जाना था। यह नहीं हो पाया तो मामला अदालत तक पहुंच गया। अब हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया गया तो एक लाख रुपये के जुर्माने का भुगतान व्यक्तिगत तौर पर करना होगा। इस अवमानना याचिका में हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव और हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन (HSSC) के चेयरैन को प्रतिवादी बनाया गया है। 

हाई कोर्ट ने 31 मई 2024 को नियुक्ति संबंधी निर्देश तय करने के आदेश दिए थे, सालभर बाद भी नियम नहीं तय हो पाए। 6 महीने के भीतर ही इस आदेश पर कार्रवाई करनी थी लेकिन तय समय बीत गया है। इस केस की सुनवाई 15 मई को हुई। जस्टिस हरकेश मनुजा की बेंच ने अवमानना याचिका की सुनवाई के बाद एक अंतरिम आदेश दिया। कोर्ट ने कहा है कि अगर अगली सुनवाई तक भर्ती नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया गया तो प्रतिवादी व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित रहेंगे और एक लाख रुपये व्यक्तिगत तौर पर देने होंगे। सरकार का कहना है कि नियमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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'अब देर हुई तो 1 लाख व्यक्तिगत जुर्माना देना होगा'
जस्टिस हरकेश मनुजा की बेंच ने अपने आदेश में कहा, ' अगर नियमों को अगली सुनवाई की तारीख या उससे पहले अंतिम रूप नहीं दिया जाता है तो दोनों प्रतिवादी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहेंगे, इसके अतिरिक्त उन्हें 1 लाख रुपये की लागत का भुगतान याचिका कर्ता को करना होगा। इस राशि का भुगतान प्रतिवादियों को अपने खाते से करना होगा, न कि राज्य के कोष से।'

7 मई को हुई सुनवाई में क्या हुआ?
7 मई को बेंच ने प्रतिवादियों को एक सप्ताह की राहत दी थी। नियमों को अंतिम रूप देने से संबंधित फाइल हरियाणा के महाधिवक्ता कार्यालय में लंबित है, जिसे एक सप्ताह के भीतर निपटाया जाएगा, सरका को भेजा जाएगा। सुनवाई 15 मई तक के लिए स्थगित की जाती है।'

अवमानना याचिका क्यों? 
अवमानना याचिका 21 जनवरी 2025 को सुनवाई हुई थी। हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव के निर्देश पर सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने 31 मई को आदेश दिया था, 6 महीने बाद भी आदेश पर अमल नहीं हुआ।

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कहां अटका है मामला?
ग्रुप C और D के पदों की सीधी भर्ती हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से की जानी है। उन्हीं के लिए नए नियमों को बनाने की बात कही गई है। प्रदेश सरकार के सभी विभागों और सरकारी संस्थानों के अधिकारी ग्रुप C के खाली पदों की जानकारी तय फॉर्मेट व सेवा नियमों के अनुसार आयोग भेज रहे हैं। ग्रुप D के खाली पदों की जानकारी मानव संसाधन निदेशालय हरियाणा को भेजी जा रही है। अब आयोग इन पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर सकता है। सरकार अभी इसे लेकर अहम कदम नहीं उठा पाई है। अब इस केस की सुनवाई 29 मई को होगी।

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