हरियाणा सरकार ने प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में एक अहम फैसला लेते हुए 2002, 2003 और 2004 बैच के कुल 18 हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में पदोन्नत करने की मंजूरी दे दी है। इनमें से 9 अधिकारियों को प्रोविजनल आईएएस का दर्जा मिला है, क्योंकि उनके खिलाफ हिसार कोर्ट में आपराधिक मामले लंबित हैं। यदि अदालत का फैसला इनके पक्ष में आता है, तो इनकी पदोन्नति की तिथि 4 अगस्त 2025 मानी जाएगी।
सरकार ने 15 अधिकारियों की प्रोन्नति का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जबकि शेष 3 अधिकारियों की अधिसूचना आगामी समय में जारी की जाएगी। इन पदोन्नत अधिकारियों को अलग-अलग चयन वर्ष (Selection Year) आवंटित किए गए हैं। खास बात है कि इन सभी अधिकारियों में से तीन अधिकारी - वर्षा खनगवाल, समवर्तक सिंह खनगवाल और योगेश कुमार - एक ही परिवार के हैं।
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चयन वर्ष के अनुसार पदोन्नत अधिकारी इस प्रकार हैं-
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2021: विवेक पदम सिंह, डॉ. मुनीश नागपाल
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2022: महेंद्र पाल, सतपाल शर्मा, सुशील कुमार
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2023: वर्षा खनगवाल, वीरेंद्र सिंह सहरावत, सत्येन्द्र दूहन, मनिता मलिक, सतबीर सिंह, अमृता सिंह, योगेश कुमार, वंदना दिसोदिया
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2024: जयदीप कुमार, समवर्तक सिंह खनगवाल
9 अधिकारियों का प्रोविजनल प्रमोशन
इन 18 में से जिन 9 अधिकारियों के खिलाफ अदालत में केस चल रहे हैं, उन्हें फिलहाल प्रोविजनल यानी अस्थायी रूप से आईएएस पद पर पदोन्नत किया गया है। डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) की बैठक में इन मामलों पर लंबी चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया कि जब तक अदालत से अंतिम फैसला नहीं आ जाता, इन अधिकारियों को पूर्ण आईएएस नहीं माना जाएगा।
इन 9 प्रोविजनल आईएएस अधिकारियों में शामिल नाम हैं:
वीणा हुड्डा, सुरेंद्र सिंह, जगदीप ढांडा, सरिता मलिक, कमलेश कुमार भादू, कुलधीर सिंह, वत्सल वशिष्ठ, जगनिवास और महावीर प्रसाद।
सरकार ने इन सभी के संबंध में दस्तावेज संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजे थे, जिसके बाद डीपीसी की बैठक हुई और केस-टू-केस समीक्षा के आधार पर प्रोविजनल प्रोन्नति का निर्णय लिया गया।
बढ़ी IAS अधिकारियों की संख्या
हरियाणा में आईएएस अधिकारियों के लिए 225 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से पहले 169 पद ही भरे हुए थे। अब इन 15 नई पदोन्नतियों के बाद यह संख्या बढ़कर 184 हो गई है। इससे प्रशासनिक कार्यप्रणाली को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
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प्रमोशन पर विवाद
हालांकि, 2002 बैच के अफसरों की पदोन्नति पर पहले से ही विवाद चल रहा है। इस मुद्दे को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में केस दर्ज है। इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता करण दलाल ने इन प्रोन्नतियों को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को शिकायत भी भेजी है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ अधिकारियों को नियमों के विरुद्ध प्रमोशन दिया गया है।
इस निर्णय से जहां प्रशासनिक ढांचे को नई ऊर्जा मिलेगी, वहीं कोर्ट में लंबित मामलों के कारण प्रोविजनल पदोन्नति प्राप्त अफसरों का भविष्य अदालत के फैसले पर निर्भर रहेगा। आने वाले समय में यदि ये अफसर आरोपमुक्त साबित होते हैं, तो उन्हें पिछली तिथि से पूर्ण आईएएस का दर्जा मिल जाएगा, वरना प्रोन्नति रद्द भी हो सकती है।