भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) के लिए एक बड़ा और खुशी का मौका आया है। संस्थान के 2000 बैच के पूर्व छात्रों ने अपनी सिल्वर जुबली रीयूनियन में 100 करोड़ रुपये का डोनेशन देने का वादा किया है। यह भारत के किसी भी शिक्षण संस्थान में एक बैच द्वारा दिया जाने वाला सबसे बड़ा डोनेशन होगा।
यह वादा रविवार शाम को कैंपस में हुई रीयूनियन के दौरान किया गया। दुनिया भर से आए पूर्व छात्रों को अपने पुराने दोस्तों, शिक्षकों और संस्थान से फिर जुड़ने का मौका मिला। इस बैच को 'मिलेनियम क्लास' भी कहा जाता है। उन्होंने यह पैसा आईआईटी कानपुर में 'मिलेनियम स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड सोसाइटी' नाम का एक नया स्कूल बनाने के लिए देने का प्रस्ताव रखा है। इससे संस्थान की पढ़ाई, रिसर्च और समाज पर असर को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
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क्या बोले डायरेक्टर?
आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल ने इसे 'संस्थान और पूर्व छात्रों के बीच मजबूत रिश्ते की पुष्टि' बताया। उन्होंने कहा, 'यह 100 करोड़ रुपये का डोनेशन हमारी पढ़ाई और रिसर्च को मजबूत बनाएगा। इससे आने वाली पीढ़ियां भी अपने संस्थान को वापस देने के लिए प्रेरित होंगी।'
रिसोर्सेज और एलुमनी के डीन प्रोफेसर अमेय करकरे ने कहा कि यह डोनेशन पूर्व छात्रों की साझेदारी का सच्चा उदाहरण है। उन्होंने कहा, '2000 बैच ने दिखाया है कि मिलकर काम करने से छात्रों, शिक्षकों और पूरे समाज पर बड़ा अच्छा असर पड़ सकता है।'
‘गहरे जुड़ाव को दिखाता है’
बैच की तरफ से बोलते हुए मशहूर पूर्व छात्र नवीन तिवारी ने कहा, 'आईआईटी कानपुर ने हमें सिर्फ करियर नहीं बनाना सिखाया, बल्कि बड़ा सोचने, सवाल करने और मकसद से काम करने की हिम्मत दी। यह डोनेशन हमारा तरीका है कि आने वाली पीढ़ियों को भी उतनी या इससे ज्यादा अच्छी सुविधाएं मिलें।'
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बैच कोऑर्डिनेटर तमल दास ने बताया कि रीयूनियन में पुरानी यादें ताजा हुईं और जिम्मेदारी का नया अहसास हुआ। '100 करोड़ रुपये का यह सामूहिक वादा हमारी साझा कीमतों और आईआईटी कानपुर से गहरा जुड़ाव दिखाता है। हम संस्थान के साथ मिलकर कल के लीडर तैयार करने में मदद करेंगे।'