जम्मू-कश्मीर में रहस्यमय बीमारी से अब तक 17 लोगों की मौत हो गई है। इसको देखते हुए राजौरी के गांव बधाल को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। 44 दिनों में 17 लोगों की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है। सभी को लग रहा था कि इन मौतों के पीछे कोई रहस्यमयी बीमारी है लेकिन अब केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस दावे को लेकर बड़ा बयान जारी किया है।
केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'लखनऊ में सीएसआईआर लैब द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह कोई संक्रमण, वायरल या बैक्टीरियल प्रकृति का नहीं है। विषैले तत्व पाए गए हैं। अब यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि यह किस तरह का जहर है।'
मंत्री ने दिया आश्वासन
मंत्री ने आश्वासन दिया कि मामले की सभी एगंल से जांच की जा रही है और अगर कोई साजिश पाई जाती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच हुई ये मौतें राजौरी के सुदूर बधाल गांव में तीन परिवारों में हुईं, जिसके बाद बुधवार को अधिकारियों ने इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया। अब यहां भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है।
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11 सदस्य की टीम का गठन
गृह मंत्रालय ने रहस्यमय मौतों की जांच के लिए 11 सदस्यीय अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की है। जम्मू के एसएमजीएस अस्पताल में एक लड़की की रहस्यमय बीमारी से मौत के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हो गई जिसके बाद यह टीम रविवार को राजौरी जिले में पहुंची।
जम्मू और कश्मीर सरकार ने कहा है कि बैक्टीरिया या वायरस से होने वाली संक्रामक बीमारी का कोई सबूत नहीं है। मृतकों के नमूनों में न्यूरोटॉक्सिन पाए जाने के बाद पुलिस ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को प्रभावित गांव का दौरा किया और निवासियों से मुलाकात की।
मुख्य लक्षण क्या-क्या?
बुखार,
दर्द,
मतली,
अत्यधिक पसीना आना
बेहोशी