कर्नाटक की वीरान गुफा में दो बच्चियों के साथ मिली रूसी महिला नीना कुटीना के निर्वासन पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि अचानक जारी निर्वासन आदेश में बच्चों के कल्याण की अनदेखी की गई है। यह संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार सम्मलेन (UNCRC) के सिद्धांतों का उल्लंघन है। कर्नाटक हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दाखिल की गई। इसमें रूसी महिला और उसकी दो बच्चियों के खिलाफ जारी निर्वासन आदेश को चुनौती दी गई। न्यायमूर्ति एस सुनील दत्त यादव ने मामले की सुनवाई की। मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी। तब तक निर्वासन प्रक्रिया पर रोक रहेगी।
अधिवक्ता बीना पिल्लई ने याचिकाकर्ता का पक्ष रखा। उन्होंने अदालत को बताया कि निर्वासन प्रक्रिया में बच्चों की भलाई का ध्यान नहीं रखा गया है। यह यूएनसीआरसी के सिद्धांतों का उल्लंघन है। भारत सरकार की तरफ से सहायक सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने अदालत को जानकारी दी कि बच्चों के पास इस वक्त वैध यात्रा या कोई पहचान दस्तावेज नहीं हैं। इस पर अदालत ने कहा कि अभी तुरंत निर्वासन उचित नहीं है।
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हलफनामा दाखिल करने का निर्देश
कोर्ट ने प्रतिवादियों को दो हफ्ते में अपनी आपत्तियां दर्ज करने और वैध दस्तावेज हैं या नहीं, इससे जुड़ा हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिना पूर्व सूचना के कोई भी निर्वासन प्रक्रिया को क्रियान्वित नहीं किया जाए। अब मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।
रामतीर्थ गुफा में रहती थीं नीना
11 जुलाई को कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के गोकर्ण में स्थित रामतीर्थ गुफा में नीना कुटीना अपनी दो बच्चियों के साथ मिली थीं। यह गुफा बेहद घने जंगलों में है। भूस्खलन के बाद स्थानीय पुलिस गश्त कर रही थी। तभी उनकी निगाह गुफा के बाहर फैले कपड़ों पर पड़ी। इसके बाद एक टीम को मौके पर भेजा गया तो वहां एक महिला और दो बच्चियां मिलीं। यह महिला 2017 में बिजनेस वीजा पर भारत आई थी। मगर उसका वीजा पहले ही समाप्त हो चुका है। पूछताछ पर महिला ने अपना नाम नीना कुटीना बताया। बड़ी बेटी प्रेया की उम्र छह साल और छोटी अमा चार वर्ष की है।
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हिंदू धर्म और अध्यात्म से प्रेरित हैं नीना
नीना हिंदू धर्म से काफी प्रेरित हैं। उन्होंने गुफा के अंदर देवी-देवताओं की तस्वीर लगा रखी थी। वह अपने बच्चियों को ध्यान और योग भी सिखाती थीं। उनका पूरा दिन पूजा-पाठ और ध्यान में बीताता था। नीना ने गुफा के अंदर खाने-पीने का काफी सामान जमा कर रखा था। पास के ही एक झरने में सभी नहाते भी थे। जब कहा गया कि यहां खतरनाक सांप रहते हैं तो नीना ने जवाब दिया कि वह हमारे दोस्त हैं। हमें सांपों से नहीं बल्कि इंसानों से खतरा है।