जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की एक गहरी साजिश चल रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसका दावा किया है। उन्होंने कहा कि शनिवार शाम मल्हार इलाके में नदी में जिन तीन नागरिकों के शव मिले, उनकी हत्या आतंकवादियों ने की है।
डॉ. सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'कठुआ जिले के बानी इलाके में आतंकवादियों द्वारा तीन युवकों की नृशंस हत्या बेहद दुखद और चिंता का विषय है। इस क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की एक गहरी साजिश प्रतीत होती है।'
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नदी में मिले शव
दरअसल, शनिवार शाम को कठुआ जिले के मल्हार इलाके में इंचू के जंगलों से होकर बहने वाली नदी में नागरिकों के शव मिले। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीनों, योगेश (32), दर्शन (40) और वरुण (14) चचेरे भाई बताए जा रहे हैं।
शादी की भीड़ से हो गए थे अलग
तीनों गुरुवार शाम को बिलावर के देहोटा गांव से मल्हार के सुराग गांव जा रही एक बारात का हिस्सा थे। जब बारात रात करीब 8.30 बजे इंचू के जंगलों के पास पहुंची, तो तीनों शादी के जश्न में शामिल अन्य लोगों से अलग हो गए और अंधेरे में रास्ता भटक गए। शादी के जश्न में शामिल कुछ अन्य लोगों ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी कि तीनों लोग लापता हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि शनिवार को नदी में शव देखे गए। मौत का कारण अभी पता नहीं चल पाया है, क्योंकि पुलिस दल अभी तक इलाके में नहीं पहुंचा है।
'एसी घटनाएं दोबारा न हों'
एक्स पर पोस्ट में डॉ. सिंह ने कहा, 'हमने इस मामले पर संबंधित अधिकारियों से चर्चा की है। केंद्रीय गृह सचिव खुद जम्मू पहुंच रहे हैं, ताकि मौके पर जाकर स्थिति का आकलन किया जा सके। मुझे पूरा विश्वास है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और लोगों का विश्वास मजबूत बना रहे।'सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन दिन में जम्मू में पुलिस, अर्धसैनिक बल और सुरक्षा बलों के उच्च अधिकारियों के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे।
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लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
इस बीच, बिलावर कस्बे में लोगों ने पूर्ण बंद रखा और नागरिकों की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया। इलाके में लोगों के गुस्से को देखते हुए पुलिस और अर्धसैनिक बलों को भारी संख्या में तैनात किया गया है। शनिवार रात मृतकों के परिजनों से मिलने बिलावर के उप जिला अस्पताल पहुंचे बनी विधायक डॉ. रामेश्वर सिंह के साथ प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने हाथापाई की।
बाद में उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि कुछ लोग माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और उन पर इसलिए हमला किया गया क्योंकि उन्होंने गुज्जर युवक मक्खन दीन का मुद्दा उठाया था, जिसने आतंकवादियों से संबंध होने के बारे में बयान देने के लिए पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया था और आत्महत्या कर ली थी।